अलवर। ग्रामीण विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली को कांग्रेस अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है। अलवर की राजनीति के इतिहास के मिथक को तोड़कर विधानसभा पहुंचे जूली के समर्थकों में खुशी की लहर है। समर्थकों ने मोती डूंगरी स्थित कार्यालय पर आतिशबाजी कर मिठाई बाटीं। जूली ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कांग्रेस नेतृत्व और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का आभार जताया है। फायर ब्रांड, प्रभावी, कुशल वक्ता एवं हाजिर जवाब जूली को सत्ता और संगठन दोनों का लंबा अनुभव है। सबसे कम उम्र के जिला प्रमुख एवं सबसे कम उम्र के ही कैबिनेट मंत्री का गौरव प्राप्त करने वाले जूली का राजनीतिक सफर अब तक सफल साबित हुआ है। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद जूली ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए प्रदेश की जनता के हक की लड़ाई लड़ना उनकी प्राथमिकता होगी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जूली ने जमकर हमला बोलते हुए कहा कि गुजरात मॉडल की इस सरकार ने देश को बर्बाद करने के सिवाय कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्ची सरकार काम करने के लिए नहीं केवल थोती बातें करने वाली रबर स्टैंप सरकार केंद्र के दोनों नुमाइंदों ने चुनी है जो केवल राजस्थान की कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का नाम बदलने व उन्हें बंद करने के एजेंडे पर काम कर रही है। टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार जूली 27333 मतों से चुनाव जीते। जूली को 108584 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी जयराम जाटव को 81251 वोट मिले। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जूली ने भाजपा प्रत्याशी मास्टर रामकिशन को 26477 वोटों से हराया था। गहलोत सरकार में जूली कैबिनेट मंत्री रहे हैं। अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से टीकाराम जूली तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। टीकाराम जूली अलवर जिले के बहरोड विधानसभा क्षेत्र के काठूवास गांव के रहने वाले हैं। यह गांव तीन तरफ से हरियाणा से सटा है। ऐसे में टीकाराम की स्कूली शिक्षा हरियाणा में हुई। जिला परिषद के चुनाव के जरिए जूली ने राजनीति में एंट्री की। जिला परिषद सदस्य बनकर वे अलवर के जिला प्रमुख बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साधारण परिवार में जन्मे टीकाराम जूली मिलनसार व्यवहार के साथ कुशल प्रबंधन के धनी है। पार्टी में लगातार 25 साल तक एक्टिव रहने वाले जूली को अब बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

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