दिल्ली। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थ एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने जुलाई में 50 लाख स्मार्ट मीटरों की खरीदारी के लिए एक मेगा टेंडर जारी किया था। इससे समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक (एटीएंडसी) हानियां और बिजली की चोरी कम करने के साथ-साथ बिजली की आपूर्ति पर चौबीसों घंटे करीबी नजर रखने में भी मदद मिलेगी। इससे अंतत: अधिक दक्षता और सभी के लिए 24X7 बिजली मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
50 लाख स्मार्ट मीटरों की खरीदारी के लिए ईईएसएल द्वारा 22 अगस्त, 2017 को बोली-पूर्व बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्मार्ट मीटर निर्माताओं और सिस्टम इंटीग्रेटरों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। यही नहीं, विश्व बैंक और दूरसंचार ऑपरेटरों सहित अन्य कई हितधारकों ने भी बड़ी रुचि दिखाई। स्मार्ट मीटर बिरादरी द्वारा इसमें दिखाई गई दिलचस्पी की पुष्टि बोली-पूर्व बैठक में लगभग 100 कंपनियों की भागीदारी से भी होती है। इसके साथ ही यह उन व्यापक संभावनाओं को भी दर्शाती है जो भारत में स्मार्ट परियोजनाओं में अंतर्निहित हैं। ईईएसएल अग्रिम तौर पर समूचा निवेश करने के साथ-साथ अगले 10 वर्षों तक पूरे बुनियादी ढांचे का रख-रखाव भी करेगी। ईईएसएल इसके बाद के वर्षों में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को होने वाली बचत से अपने निवेश को वापस प्राप्त करेगी।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए इन मीटरों की खरीदारी की जा रही है। ये मीटर न केवल बेहतर बिलिंग दक्षता के जरिए इन राज्यों की एटीएंडसी हानियों को कम करने में मददगार साबित होंगे, बल्कि वे आम उपभोक्ताओं द्वारा वर्तमान में की जा रही बिजली खपत और उसके भुगतान के तरीके को भी पूरी तरह से बदल कर रख देंगे।