जयपुर। देश के नामी पत्रकार रवीश कुमार ने जयपुर परिसंवाद की ओर से लोक पर हावी तंत्र विषयक गोष्ठी पर देश में अभिव्यक्ति व दूसरे मुद्दों को लेकर हो रहे हमले को लेकर अपने विचार रखे। रवीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र तभी सफल रह सकता है, जब लोक (जनता) अपने अधिकारों के प्रति सजग होंगे। अनुरोध के बजाय कानून सम्मत विरोध का रास्ता अख्तियार करेंगे। लोकतंत्र में बोलना, विरोध करना, किसी से असहमत होना या किसी का विरोधी होना अपराध नहीं है। यह लोक का जन्मजात अधिकार है। सरकार और तंत्र को भी लोक के इस विरोध को अन्यथा ना लेकर सार्थक तौर पर लेना चाहिए। इससे सकारात्मक चीजें सामने आती है। अगर विरोध ही नहीं होगा तो लोक पर तंत्र हावी होता जाएगा, जो देश और समाज के लिए घातक है। रवीश कुमार ने आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के जेल भरो अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि गुलामी के दौर में जनता में अंग्रेजो के क्रूर शासन और प्रताडऩा के कारण एक तरह का भय था। इस वजह से जनता विरोध करने से घबराती थी। महात्मा गांधी ने अपने अहिंसक आंदोलन के माध्यम से जनता के मन से अंग्रेजों के इस डर को निकाला। इससे जेलों में जगह कम पड़ गई और जनता में अंग्रेजी शासन के खिलाफ लडऩे की ताकत मिली। आपातकाल का दौर भी कुछ ऐसा ही था। उस तरह का माहौल अब अघोषित तौर पर हो रहा है। इतिहास, मानहानि, राष्ट्रवाद आदि के नाम पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं। जो तंत्र पर जुबानी हमले कर रहा है, उन्हें जेलों में डाला जा रहा है। एक तरह से लोगों के दिमाग में ऐसा जहर घोला जा रहा है। दिमाग में ऐसा जहर घोला जा रहा है कि लोग मानव बम बनकर खड़े हैं, जो विचारों और धर्म के आधार पर बंटे हुए दिखाई देने लगे हैं। छोटी सी बात पर मारकाट मचाने से भी नहीं चूकते। देश में ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके है, जो देश व समाज के लिए घातक है। लोक पर हावी होते जा रहे तंत्र के खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा। लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए महात्मा गांधी की तरह जनता के मन से जेल जाने, मानहानि और झूठे मुकदमा का डर निकालना होगा। इस मौके पर राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश विनोद शंकर दवे ने देश में अघोषित आपातकाल के संदर्भ में कुछ रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि इस अंधेरे को युवा ही छांट सकते हैं। जयपुर परिसंवाद के संस्थापक संयोजक रमेश दाधीच, संयोजक अनिल पारीक, एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा, जसवंत गुर्जर समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। रवीश कुमार को सुनने के लिए सभागार में जितने लोग थे, उससे अधिक बाहर जमा थे।
– देश में चल रहा है गोदी मीडिया का नेशनल सिलेबर्स
रवीश कुमार ने कहा कि आज देश में मीडिया भी स्वतंत्र नही रहा। संविधान के रक्षक वकील भी विचारधाराओं में बंट गए। जो देश के लिए घातक है। देश की गोदी मीडिया एक नेशनल सिलेबर्स पर काम कर रही है। यह सिलेबर्स नेहरु-सरदार पटेल-सुभाष बोस, गौरक्षा, राष्ट्रवाद, हिन्दू-मुस्लिम, अकबर-महाराणा प्रताप, बाबरी मस्जिद-राम मंदिर जैसे विषयों पर है, लेकिन यह खत्म नहीं हो पा रहा है। चुनाव के वक्त-बेवक्त उठता रहता है यह सिलेबर्स। यह सिलेबर्स बंद हो तो देश आगे बढ़े। लोक मजबूत बने। चाणक्य के नाम पर कुछ भी परोसा जा रहा है देश में। सड़क जाम करने वाले, पोस्टर फाडऩे वाले और लोगों को पीटने वाले बड़े इतिहासकार बन गए हैं। चालाकी से इतिहास को बदला जा रहा है। देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु के इतिहास को धूमिल और मिटाया जा रहा है। ये वे लोग कर रहे हैं, जिन्हें इतिहास की समझ नहीं है। झूठे और तथ्य विहीन इतिहास के सहारे बौद्धिक गुलाम बनाने का खेल चल रहा है। राष्ट्रवाद के नाम पर नफरत की आग भरी जा रही है। मानव बम तैयार हो रहे हैं, जो छोटी-छोटी बातों पर फूट रहे हैं। कानून पर भीडतंत्र हावी होने लगा है। पुलिस-सरकार भी खुद को असहाय पाती है। रवीश कुमार ने कहा कि आप अपने बच्चों को ऐसे सिलबर्स से बचाएं। बल्कि ऐसे सिलेबर्स के खिलाफ एकजुट होकर तंत्र के सामने खड़े हो।
– अच्छे कपड़ों से मजबूत नेता नहीं बनते
रवीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि देश में मजबूत नेता की बातें हो रही है। मजबूत नेता मेरी नजर में वह है, जो देश में सभी को साथ लेकर चलें, ना की खुद की तानाशाही चलाए। महात्मा गांधी देश के मजबूत रहे। जवाहर लाल नेहरु मजबूत नेता रहे। इन्हें सभी नेताओं का साथ मिला। विचार नहीं मिलने पर भी वे एकसाथ खड़े रहे। गांधी ने धोती पहनकर और एक लाठी के दम पर देश को एक किया और अंग्रेजी शासन से लड़ाई जीती। कोई अच्छे कपड़ों से मजबूत नेता नहीं बनता है, बल्कि अच्छे कामों से मजबूत नेता के रुप में पहचान मिलती है।