जयपुर. राजस्थान जैन सभा की ओर से रविवार को आयोजित सामूहिक क्षमावाणी पर्व समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा ने भी क्षमा मांगी। सीएम भजनलाल ने संबोधित करते हुए कहा गुरु जी मैं कुछ दिन पहले 5-6 दिन की जापान-कोरिया की यात्रा पर गया था। मुझसे कई लोगों ने कहा कि आप तो लहसुन-प्याज भी नहीं खाते हो, आपका भोजन कैसे होगा। मैंने कहा पहले हमारे पूर्वज 8 से 15 दिन के लिए तीर्थ को जाते थे। वे अपने साथ ही भोजन-प्रसादी लेकर जाते थे। सीएम ने कहा मैं 6 दिन के लिए गया। मैं घर से खाना बनवाकर ले गया। मुझे कहा कि यह सब्जी तो वहां भी मिल जाएगी, लेकिन वहां तेल किसी और का मिलता है तो मैंने कहा यह नहीं चलेगा। गुरु जी मैं तो साथ ही अपना पूरा सामान लेकर गया। पूरी यात्रा के दौरान मैंने वही खाया। सीएम ने कहा आज क्षमावाणी पर्व पर मैं भी जाने-अनजाने में जो मुझसे गलतियां हुई हैं, उनके लिए आप से क्षमा मांगता हूं। उन्होंने कहा- क्षमा से आत्मा की शुद्धि होती है। गलती होना स्वाभाविक है, लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है। सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है। उन्होंने कहा जैन समाज क्षमा याचना के महत्व को बढ़ाता है। क्षमा मांगने से कटुता और द्वेष भाव समाप्त हो जाता है। इससे समाज में शांति और सद्भाव का मार्ग प्रशस्त होता है। सीएम भजनलाल ने कहा हमारे संत-मुनियों ने देश को दिशा देने, संस्कृति को बचाने और सनातन को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा मैं तो अध्यात्म से जुड़ा व्यक्ति हूं। मैंने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले आदेश जारी किए थे कि प्रदेश में आने वाले संत-मुनियों को स्टेट गेस्ट का दर्जा मिलेगा। उन्होंने मुनि शशांक सागर, पावन सागर, समत्व सागर महाराज सहित अन्य संतों को स्टेट गेस्ट का दर्जा नहीं मिलने को चूक बताते हुए उनसे क्षमा भी मांगी। इस मौके पर मुनियों ने अपने उद्बोधन में सीएम भजनलाल के व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए उनकी सादगी-सहृदयता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवाभावी हैं। ये नाम और काम, दोनों से झलकता है।

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