नयी दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए आज आरोप लगाया कि उसने गत 15 वर्षों में 33 अरब डालर की सहायता के बदले अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवा कुछ भी नहीं दिया है। ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को ‘‘सुरक्षित पनाहगाह’’ मुहैया करायी।पाकिस्तान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े हमले में ट्रंप यह संकेत देते हुए प्रतीत हुए कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता रोक सकते हैं।
ट्रंप ने कड़े शब्दों वाले ट्वीट में कहा, ‘‘अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से पाकिस्तान को गत 15 वर्षों में 33 अरब डालर से अधिक की सहायता दी और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख सोचते हुए हमें ‘झूठ और धोखे’ के अलावा कुछ भी नहीं दिया।’’ उन्होंने इस वर्ष के अपने पहले ट्वीट में कहा, ‘‘उन्होंने उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी जिनके खिलाफ हम बहुत कम मदद के अफगानिस्तान में कार्रवाई करते हैं। अब और नहीं।’’ यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किया गया सबसे कड़ा हमला है। उनकी टिप्पणी न्यूयार्क टाइम्स की उस खबर के कुछ दिन बाद आयी है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की अनिच्छा के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उसे दी जाने वाली 22.5 करोड़ डालर सहायता रोकने पर विचार कर रहा है।
एक पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि ट्रंप द्वारा यह टिप्पणी करने के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की।जियो टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा, ‘‘बैठक में ट्रंप के बयान की एक विस्तृत समीक्षा की गई।’’ उसने कहा कि दोनों नेताओं ने देश की विदेश नीति पर चर्चा की।
आसिफ ने ट्वीट किया, ‘‘हम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट पर इंशाअल्लाह जल्द जवाब देंगे…हम विश्व को सच्चाई बताएंगे….तथ्यों और गढ़ी कहानी का अंतर बताएंगे।’’ गत नवम्बर में अमेरिका ने पाकिस्तान द्वारा मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद की रिहायी की कड़ी निंदा की थी और उसे तत्काल फिर से गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ मामला चलाने की मांग की थी। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कोई ‘‘निर्णायक कार्रवाई’’ करने में असफल रहा तो उसके द्विपक्षीय संबंधों पर ‘‘प्रभाव’’ होंगे।