जयपुर। राजस्थान की लड़कियों की तस्करी करके उन्हें सैक्स रैकेट को बेचा जा रहा है। यह रैकेट बड़े समय से चल रहा है। आदिवासी और पिछड़े जिलों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर या कहे उन्हें रोजगार का लालच देकर मुम्बई, पुणे व महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में देह व्यापार में धकेला जा रहा है। इस गोरखधंधे में कोई संगठित गिरोह लिप्त है। जो लड़कियों की खरीद-फरोख्त में लगा है। खासकर नाबालिग लड़कियों को ज्यादा टारगेट किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट के प्रसंज्ञान में आया है, जिसके बाद महाराष्ट्र के डीजीपी से जवाब मांगा गया है कि राजस्थान की 68 लड़कियों को देह व्यापार में धकेलने के पीछे कौन लोग है।
रेस्क्यू फाउण्डेशन एनजीओ ने महाराष्ट्र में वेश्यावृत्ति में धकेली गई राजस्थान की 68 लड़कियों को पुलिस के सहयोग से मुक्त कराया था। मानव तस्करी के माध्यम से ये लड़कियां महाराष्ट्र के रेड लाइट इलाकों में भेजी गई थी। 68 में से 18 लड़कियां नाबालिग है। रेस्क्यू फाउंडेशन की संचालिका त्रिवेणी आचार्य ने बताया कि सवा साल पहले राजस्थान की 68 लड़कियों को वेश्यावृत्ति गिरोह से बचाया। तब से ये हमारे शेल्टर हाउस में रह रही है। इन्हें तस्करी करके महाराष्ट्र लाया गया। इस गिरोह की तह तक जाने और इनके पुनर्वास के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा है कि राजस्थान की 68 लड़कियां किसी दूसरे राज्य में मिलना काफी गंभीर मामला है। इसके पीछे कोई संगठित सैक्स रैकेट और मानव तस्करी गिरोह हो सकता है, जो लड़कियों को देह व्यापार में धकेल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र डीजीपी से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इसकी जांच होनी चाहिए। इस मामले की जांच के लिए एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा रखी है।