राजस्थान पर्यटन विभाग में गाइड रिप्रेशर कोर्स में बड़ा खेल
-राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। पर्यटन विभाग में गाइड रिफ्रेशर कोर्स के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। एक तरफ तो राजस्थान पर्यटन एक्ट के नियम-कायदों के विपरीत हो रहे इस कोर्स को लेकर प्रदेश के सभी हजारों गाइड़ों में आक्रोश है, वहीं इस कोर्स को करवाने के पीछे विभाग की ओर से चल रही तानाशाही कार्रवाईयों से बड़े खेल का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है। कोर्स के नाम पर गाइड़ों से आठ सौ रुपए प्रति गाइड राशि वसूली तो जा रही है, लेकिन पर्यटन विभाग की ओर से इस संबंध में कोई रसीद नहीं दी जा रही है। बल्कि राशि लेने का विवरण एक रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है। वित्त नियमों के मुताबिक सरकारी विभागों में कोई भी लेन-देन सरकारी इंद्राज में होना जरुरी है। किसी भी तरह की राशि लेने पर उसकी बाकायदा रसीद देने का कानूनी प्रावधान है। ऐसा नहीं करने पर यह कानूनन गबन की श्रेणी में आता है। जयपुर समेत दूसरे शहरों में रिफ्रेशर कोर्स के नाम पर आठ सौ रुपए वसूले तो जा रहे हैं, लेकिन उन्हें रसीद नहीं दी जा रही है। जब रसीद मांगते हैं तो उन्हें फटकार कर भगाया जा रहा है। मात्र एक रजिस्टर में इंद्राज करके राशि लेने की इतिश्री की जा रही है। पैसा जमा कराए या नहीं, इस संबंध में कोई सबूत नहीं होने से गाइड़ों को अंदेशा है कि कहीं उनकी राशि को खुर्द-बुर्द नहीं कर दिया है। गाइड़ों का कहना है कि जब आठ सौ रुपए दे रहे हैं तो रसीद भी देनी चाहिए, जिससे हमारे पास पैसा जमा कराने का सबूत तो रहे। रसीद मांगते हैं तो अफसर-बाबू धमकाते हैं। फेल करने की धमकी देते हैं। ऐसे में डर के चलते कोई शिकायत भी नहीं कर रहा है। गाइड़ों को यह भी अंदेशा है कि कहीं बिना रसीद की यह राशि खुर्द-बुर्द नहीं हो जाए। क्योंकि इससे पहले गाइड फीस और दूसरे कोर्स की फीस डिमाण्ड डाफ्ट के माध्यम से ली जाती रही है। वो सीधे सरकारी खाते में जमा हो जाती थी और उसका हिसाब भी रहता था, लेकिन अब नए प्रावधान कर देने से गाइड़ों में यह अंदेशा है कि कहीं यह राशि डूब ना जाए। उधर, कुछ गाइड़ों ने इस संंबंध में पर्यटन आयुक्त आशुतोष पेंढ़ेणेकर को लिखित शिकायत करने का फैसला किया है, ताकि इस खेल का पर्दाफाश किया जा सके।
– दस हजार से अधिक गाइड़ों को मिलेगा प्रशिक्षण
पर्यटन विभाग ने पंजीकृत गाइड़ों को पर्यटन संबंधित नई जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पूरे प्रदेश में गाइड रिफ्रेशर कोर्स शुरु किया है। जयपुर, जोधपुर समेत कई शहरों में यह कोर्स शुरु भी हो गया, लेकिन पर्यटन एक्ट के नियमों के विपरीत कोर्स करवाने को लेकर गाइड़ों में आक्रोश भी है। कोर्स में लिखित परीक्षा और उस परीक्षा में चालीस फीसदी अंक प्राप्त करने वाले को ही उत्तीर्ण करने की बाध्यता के चलते गाइड़ों में गुस्सा है। राजपूताना गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह चिराणा और उपाध्यक्ष मनीष शर्मा का कहना है, जब एक बार लिखित परीक्षा पास करके गाइड लाइसेंस ले लिया तो फिर से परीक्षा का क्या औचित्य है। पर्यटन एक्ट में भी सिर्फ प्रशिक्षण का प्रावधान है। उसमें कहीं भी लिखित परीक्षा और चालीस फीसदी अंक का प्रावधान नहीं दे रखा है। पर्यटन विभाग के अफसर तानाशाही पूर्ण कार्रवाई करके स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत रोजगार कर रहे हजारों गाइड़ों के बेवजह परेशान करने के लिए ये हथकण्डे अपना रहे हैं।
– हाईकोर्ट ने दे रखे हैं नोटिस
गाइड रिफ्रेशर कोर्स में लिखित परीक्षा व उसमें उत्तीर्ण होने के प्रावधान को लेकर राजपूताना गाइड संस्था व दूसरे गाइडों ने हाईकोर्ट में इस मामले को चुनौती दे रखी है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, पर्यटन आयुक्त समेत अन्य को नोटिस देकर जवाब मांग रखा है। एक मामले में तो हाईकोर्ट ने 29 नवम्बर को फैसले की तारीख तय कर रखी है।