नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक मसले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से पेश किए गए हलफनामे को मुस्लिम विद्वान प्रो.मोहम्मद शब्बीर ने गुमराह करने वाला बताया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.मोहम्मद शब्बीर ने दिल्ली में आयोजित फोरम फॉर अवेयनेस नेशनल सिक्योरिटी दिल्ली चैप्टर की कार्यशाला में कहा कि बोर्ड का हलफनामा गुमराह और कुरान के खिलाफ है। पाकिस्तान व दूसरे कई मुस्लिम देशों में तलाक व हलाला पर पाबंदी है। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड को इन मुस्लिम देशों से सीख लेनी चाहिए और तीन तलाक मसले पर कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखना चाहिए। कार्यशाला में प्रो.शब्बीर ने अभिव्यक्ति, रामजन्मभूमि और ट्रिपल तलाक पर अपनी राय रखी। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार भी वहां मौजूद थे। प्रो.शब्बीर ने कहा कि शाफ ई, मालकी व हंबली स्कूल ऑफ थॉट में तीन तलाक मान्य नहीं है। शियाओं में भी तीन तलाक मान्य नहीं है। हनफ ी से मुक्ति का रास्ता इस्लाम है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर रोक के लिए पाकिस्तान में फैमिली ऑर्डिनेंस एक्ट पारित हुआ। ट्रिपल तलाक, हलाला पर रोक लगी। कोर्ट के मार्फत ही तलाक मान्य होते हैं ना कि तीन बार तलाक कह देने से तलाक हो जाता है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक सुन्नी स्कूल ऑफ थॉट में जायज है।