नई दिल्ली। ट्रिपल तलाक को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक संगठन का अभियान इसे खत्म कराने के मामले में मुहिम बनकर सामने आया है। आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की पिटीशन पर 10 लाख मुस्लिम हस्ताक्षर कर चुके हैं। इनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। एमआरएम की पिटीशन में कहा गया है कि इस मुहिम को धर्म से जोड़कर न देखे क्योंकि यह एक सामाजिक समस्या है। इस पिटीशन पर मुस्लिम महिलाओं ने जिस तादाद में हस्ताक्षर किए। उससे यह साबित होता है कि भाजपा ने हाल ही अपने यूपी के चुनावी एजेंडे में ट्रिपल तलाक को जगह दी थी। जिसे खत्म कराने की बात कही गई थी। यहां चुनावों में भाजपा को भारी सफलता मिली तो देवबंद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में उसके प्रत्याशी विजयी होकर सामने आए। जो यह दर्शाती है कि मुस्लिम महिलाओं की आवाज भाजपा के साथ थी। साथ ही ट्रिपल तलाक को खत्म कराने के लिए शुरू की गई उसकी मुहिम का समर्थन करती है। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मुद्दे का विरोध करता रहा है, लेकिन हाल ही मौलाना अबुल कलाम आजाद के प्रपौत्र फिरोज अहमद ने भी भाजपा के इस कदम की प्रशंसा करते हुए इसे मुस्लिमों के प्रति पीएम नरेन्द्र मोदी का सकारात्मक रुख बताया। वैसे केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक व बहुविवाह जैसी प्रथाओं के मामले में अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि ट्रिपल तलाक के मामले में राष्ट्रव्यापी चर्चा होनी चाहिए। मुस्लिम समाज सुधार के लिए जरुरी है कि ट्रिपल तलाक खत्म हो। भाजपा नेताओं का माना है कि पार्टी को मुस्लिम इलाकों में जो जीत मिली, उसमें महिलाओं की भूमिका अहम रही है। केन्द्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर जो योजनाएं चलाई उससे उनमें चेतना आई। यही वजह रही कि महिला हितों की बात करने वाली भाजपा को भारी बहुमत से जीत दिलाई। गौरतलब है कि भाजपा ने यूपी चुनावों में 312 सीटें जीती थीं।

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