तिरूवनंतपुरम. केरल में सत्तारूढ माकपा ने आज कहा है कि त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में हुई हार को गंभीरता पूर्वक देखा जाना चाहिए । माकपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने पार्टी नेतृत्व से अपील की है कि संघ परिवार से लड़ने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों से हाथ मिलायें । वयोवृद्ध माकपा नेता ने बयान जारी कर कहा, ‘‘देश के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं ।

आजादी के बाद देश में लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस अब कमजोर हो गयी है ।’’ भाजपा के साथ लड़ने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने के पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी की लाइन का समर्थन करने वाले अच्युतानंदन ने कहा कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में शासन करने वाले वाम दल भी ‘‘कमजोर’’ हो गए हैं ।

उन्होंने कहा कि संघ परिवार से लड़ने और उसे हराने की ताकत वाम दलों के पास नहीं है इसलिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ जाना जरूरी है ।पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सरकार के मंत्री ए के बलान ने आरोप लगाया था कि भगवा पार्टी ने वाम दलो का गढ माने जाने वाले पूर्वोत्तर में जीत हासिल करने के लिए पैसे और ताकत का ‘‘दुरूपयोग’’ किया है ।उन्होंने कहा भाजपा की जीत लोकतंत्र एवं राष्ट्रीय अखंडता के लिए चुनौती है ।

‘‘त्रिपुरा में भाजपा की जीत लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़ है । वहां जो कुछ भी हुआ है वह जनादेश नहीं है ।’’ माकपा के वरिष्ठ नेता एम वी विजयन ने सेशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत धन, बल और ‘‘आतंकवादी समूहों के नापाक गठबंधन’’ का नतीजा है ।

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