जयपुर। कोरोना महामारी से बचाव को लेकर जारी इस जंग के दौरान कोई भूखा न रहे और आवश्यकतानुसार राशन लोगों तक पहुंचे। इसके लिए उदयपुर जिला प्रशासन सम्पूर्ण जिले में घर-घर राशन पहुंचाने के प्रभावी प्रयास कर रहा है। शहर के साथ ही जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करते कई दिव्यांग राशन डीलर्स के साथ शिक्षिकाओं का जज्बा देखते ही बनता है जो मुसीबत की इस घड़ी में अपना दुःख-दर्द भूलाकर भी जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं।
लॉकडाउन के दौरान घर में बंद रहकर कोरोना के संक्रमण से बचाव कर रहे लोगों को राशन लेने के लिए घर से बाहर नहीं निकलना पड़े इस दृष्टि से उदयपुर जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी के प्रयासों से जिले के विभिन्न गांव, ढाणी या कस्बों में रहने वाले वाले लोगों के घरों तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीकृत 5 लाख 75 हजार परिवारों को घर-घर राशन सामग्री पहुंचाई जा रही है।
उदयपुर जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी बताती हैं कि मुसीबत की इस घड़ी में लोग अपने घर द्वार पर राशन प्राप्त कर दुआएं देते नजर आ रहे है और यह सब कुछ संभव हुआ है जिले के समस्त राशन डीलर्स के जज्बे और प्रयासों से जो कि बिना झिझक के वाहनों में गेहूं और दाल आदि लादकर इन गरीब परिवारों तक पहुंचा रहे हैं। इस कार्य में जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी पूरे जोश के साथ अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में राशन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए पूर्ण पारदर्शिता के साथ जरूरतमंद लोगों तक सरकार द्वारा स्वीकृत राशन सामग्री पहुंचाई जा रही है। राशन डीलर्स व नियुक्त सरकारी कार्मिकाें को इस संबंध में दिए निर्देशों की पालना की जा रही है और सोशन डिस्टेंसिंग के माध्यम से राशन वितरण हो रहा है।
देवदूत बने हैं भैरू, भगवान, हिम्मतराम और नरेन्द्र ः
जिले के दूरस्थ आदिवासी अंचल में ऎसे भी राशन डीलर्स है जो दिव्यांग है लेकिन उनकी सेवा कार्य के प्रति निष्ठा देखकर क्षेत्रवासी उन्हें असली कोरोना कर्मवीर और देवदूत मानते हैं। लसाड़िया के कालीभीत मेें राशन डीलर भेरूलाल जो दिव्यांग है परंतु प्रशासन ने जिम्मेदारी दी तो बिना किसी झिझक के घर-घर जाकर राशन उपलब्ध करा रहे हैं। उनका कहना है कि पहला मौका है जब मुसीबत में फंसे लोगों की सेवा का मौका मिला है। उनके साथ स्थानीय शिक्षक अमित राठौड़ भी सेवाएं दे रहे हैं।
इसी प्रकार जिले के सुदूरवर्ती कोटड़ा के थेप व सांडमारिया क्षेत्र के राशन डीलर हिम्मतराम खैर भी दोनाें पैर से दिव्यांग है लेकिन इसके बावजूद पूरी शिद्दत से अपने कार्य को पूरा करते इनका जज्बा देखते ही बनता है। हिम्मत राम बताते है कि वे दोनों क्षेत्रों के पात्र लोगों को बारी-बारी से राशन सामग्री का वितरण कर रहे है और स्थानीय लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से उनका सहयोग कर रहे हैं।
वल्लभनगर क्षेत्र के मावली डांगियान के दिव्यांग राशन डीलर भगवान लाल डांगी भी अपनी लाठी के सहारे वाहन के साथ घर-घर पहुंच कर आपदा की इस स्थिति में ग्रामीणों के मसीहा बने हुए है। डांगी का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में पुण्य कार्य करने का अवसर मिला है तो वे अपना दर्द भूल चुके हैं।
इसी प्रकार राशन वितरण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए नियुक्त सरकारी कार्मिकों में भी एक दिव्यांग शिक्षक नरेन्द्र सिंह इन दिनों उदयपुर शहर के वार्ड संख्या 6 में राशन डीलर मनमोहन सरनोद के साथ सेवाएं दे रहे है वे बताते है कि हर पात्र व्यक्ति को राशन मिलें इसके लिए वह राशन डीलर के साथ सेवा देकर संतुष्टि का अनुभव हो रहा है ।