– दूल्हे सहित 60 झुलसे, मचा कोहराम मचा
जोधपुर. जिले के शेरगढ़ क्षेत्र में भुंगरा गांव में गुरुवार दोपहर शादी समारोहस्थल पर बारात रवानगी से पहले लीकेज के बाद गैस के दो सिलेण्डर फटने से दो बच्चों की मौत और 61 जने झुलस गए। इनमें दूल्हा व दूल्हे का पिता भी शामिल है। 25 जनों की हालत गंभीर बताई जाती है। पूरी ढाणी जल गई। शादी समारोह और गांव में शोक छा गया। पुलिस व ग्रामीणों के अनुसार भुंगरा निवासी सगतसिंह पुत्र पूंजराजसिंह के पुत्र सुरेन्द्रसिंह की गुरुवार को शादी है और पोखसर गांव बारात जानी थी। बारात रवानगी से कुछ देर पहले दोपहर करीब डेढ़ बजे ढाणी के चौक में दुल्हे को तैयार करने के साथ ही नेत भराई की रस्म अदा की जा रही थी। पास ही खाना बन रहा था और अनेक रिश्तेदार व ग्रामीण खाना खा रहे थे।
पीछे की तरफ सिलेण्डर में गैस लीकेज हो गया। गैस ढाणी में फैलने लगी और वहां मौजूद ग्रामीणों के कपड़ों तक में पहुंच गई। इस दौरान बीड़ी या खाना बनाने के दौरान निकली चिंगारी से वहां आग लग गई। पड़वे में रखे गैस के दो सिलेण्डर चपेट में आ गए। जो धमाके के साथ फट गए। पूरी ढाणी में आग लग गई। लोगों में अफरा-तफरी सी मच गई। देखते ही देखते ही लोग झुलसने लग गए। चीख-चित्कार सुन आस-पास के ग्रामीण मौके पर आए और मिट्टी व पानी आदि डाल आग बुझाई। जोधपुर से एक दमकल भी मौके पर आई। 60 घायलों को शेरगढ़ व सेतरावा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद कुछ लोगों को घर भेजा गया। जबकि 51 जनों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया। तब तक दो साल के बालक व चार साल की बालिका की मौत हो चुकी थी। 25 जनों की हालत गंभीर बताई जाती है। दस जनों से अधिक 90 प्रतिशत झुलसे हुए हैं। हताहतों में दुल्हा सुरेन्द्रसिंह व उसके पिता सगतसिंह भी शामिल हैं। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता, एसपी ग्रामीण अनिल कयाल सहित प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और समुचित चिकित्सा व्यवस्था के निर्देश दिए। आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत, विधायक मीना कंवर व मनीषा पंवार भी अस्पताल पहुंची और हताहतों के बारे में जानकारी ली। आग लगने के दौरान सगतसिंह की ढाणी में बड़ी संख्या में रिश्तेदार व ग्रामीण मौजूद थे। एक साथ पूरी ढाणी में आग लगी तो सभी चपेट में आ गए। चीख-चित्कार मच गई और चिल्लाते हुए सभी इधर-उधर भागने लगे। इनमें महिलाओं के साथ ही अनेक मासूम बच्चे भी शामिल हैं। आगजनी के दौरान खाना बन रहा था और अनेक ग्रामीण खाना खा रहे थे। आग लगते ही खाना बनाने वाले गैस चालू छोड़ भाग गए। भट्टियों की पाइप तक झुलस गईं। जिससे और गैस लीकेज होती रहीं।

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