Modi-Appeal
Unveiled the panel to start work on the Zozila tunnel

नयी दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पिछले करीब ढाई साल में अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों को लगभग 60 हजार 927 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को लगभग एक लाख दो हजार 498 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने जानकारी दी है कि मुद्रा योजना के तहत आठ अप्रैल 2015 से लेकर आठ दिसंबर 2017 तक कुल नौ करोड़ 91 लाख 64 हजार 187 खातों को लगभग चार लाख 39 हजार 428 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया।

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिक्की की एक सालाना आम सभा में कहा था कि केंद्र सरकार ने मुद्रा योजना के तहत व्यापार के लिए करीब नौ लाख 75 हजार युवाओं को बगैर गारंटी के लिए चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। पीटीआई-भाषा की ओर से दायर आरटीआई अर्जी के जवाब में सरकार ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत जिन नौ करोड़ 91 लाख 64 हजार 187 खातों को कर्ज दिया गया है, उनमें सामान्य श्रेणी के चार करोड़ 39 लाख 25 हजार 748, एससी श्रेणी के एक करोड़ 78 लाख 86 हजार 96, एसटी श्रेणी के 47 लाख 81 हजार 288 और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तीन करोड़ 25 लाख 71 हजार 55 खाते हैं। सरकार ने बताया कि आठ अप्रैल 2015 से लेकर आठ दिसंबर 2017 तक सामान्य श्रेणी के खाताधारकों को जहां लगभग दो लाख 76 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया गया है, वहीं एससी श्रेणी के खाताधारकों को लगभग 46 हजार 810 करोड़ रुपए का लोन मिला।

केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उपरोक्त अवधि में एसटी श्रेणी के खाताधारकों को लगभग 14 हजार 117 करोड़ रुपए जबकि ओबीसी श्रेणी​ के खाताधारकों को लगभग एक लाख दो हजार 498 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में शुरू हुई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे कारोबारियों को अपना व्यापार शुरू करने या व्यापार बढ़ाने के लिए कर्ज दिया जाता है। सरकार ने इसके लिए तीन श्रेणियां – शिशु, किशोर और तरुण – तय कर रखी है । ‘शिशु’ श्रेणी के तहत 50 हजार रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं जबकि ‘किशोर’ श्रेणी के तहत 50 हजार से ज्यादा और पांच लाख रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं। ‘तरुण’ श्रेणी में पांच लाख से ज्यादा और 10 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना को केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशी अभियान करार दे चुके हैं।

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