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– दो साथी महेश मीणा व प्रिंस भी गिरफ्तार, हिस्ट्रीशीटर मंगल शर्मा फरार
-राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। कांग्रेस नेता और प्रॉपर्टी व्यवसायी मदन मोगरा हत्याकाण्ड के मुख्य अभियुक्त रामबाबू मेहता ने सांगानेर सदर थाना जयपुर में सरेण्डर करने के बाद बड़ा सनसनीखेज बयान दिया है। पुलिस पूछताछ में रामबाबू मेहता ने बयान दिया है कि मदन मोगरा और उसके सगे-संबंधी-साथी क्षेत्र में दबंगई करते थे। एक पड़ौसी कुमावत परिवार को बचाने के चक्कर में उसकी भी मदन मोगरा व साथियों से कहासुनी हो गई थी। तब उसके साथ भी मरापीट व बदसूलकी की गई। मेरी मां के साथ भी बदसूलकी और लात तक मार दी थी। यह भी बयान दिया है कि मेरे बेटा गांव के मंदिर जा रहा था तो उससे भी मारपीट की गई। आए दिन सरेराह मदन मोगरा व साथी धमकाते थे और मोबाइल फोन भी दबंगई करते हुए
- धमकियां देते थे। इन्हीं से तंग आकर उसने अपने साथियों से मिलकर मदन मोगरा का काम तमाम करने की ठानी। रामबाबू मेहता के सरेण्डर करने के बाद पुलिस पूछताछ में बयानों और प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर जयपुर पुलिस ने इस हत्याकाण्ड को लेकर प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता में पुलिस आयुक्त संजय अग्रवाल व अन्य अफसरों ने हत्याकाण्ड में शामिल दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी की है। पुलिस ने हत्या में लिप्त रामबाबू के साथी महेश मीणा और प्रिंस को गिरफ्तार किया है। हिस्ट्रीशीटर मंगल शर्मा व अन्य कुछ साथी फरार है। पांच दिन पहले हत्याकाण्ड के बाद फरारी में शरण देने वालों के बारे में भी पुलिस पडताल कर रही है। हत्याकाण्ड में प्रयुक्त पिस्टल, कुल्हाडी बरामदगी की जानी है।
– गोली मारी तो छूकर निकल गई, फिर कुल्हाडी के वार से सिर पिचकाया
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि रामबाबू के मन में मदन मोगरा के प्रति खासी नफरत थी। जब से मदन मोगरा ने उससे और मां से मारपीट व बदसूलकी की तभी से उसे ठिकाने लगाने की साजिश करने लगा था। हत्या को अंजाम देने के लिए हिस्ट्रीशीटर मंगल, महेश मीणा, प्रिंस व अन्य साथियों की मदद ली। इसके लिए पिस्टल का भी इंतजाम किया। कई बार उसका पीछा करके उसके आने-जाने के बारे में पता लगाया। पांच दिन पहले अकेले मोटर साइकिल पर देख उसके पीछे लग गए और बक्सावाला में नहर के पास गाड़ी से पहले मदन मोगरा की मोटर साइकिल को टक्कर मारी। फिर पिस्टल निकालकर उसके सिर पर गोली मारी, लेकिन गोली सिर को छूते हुए निकल गई। पुलिस के मुताबिक, गोली का वार खाली जाने पर रामबाबू ने कुल्हाडी का जोरदार वार मदन मोगरा के सिर पर मारा, जिससे खून के फव्वारे निकल पड़े और हड्डी पिचक गई। इस दौरान प्रिंस, महेश, मंगल उसे पकड़े रहे और मारपीट की। मरा देखकर गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। बाद में रामबाबू ने हत्या में प्रयुक्त गाड़ी को एक रिश्तेदार के यहां रखी और फरार हो गया। दूसरे लोग भी भाग गए। हालांकि बाद में हत्याकाण्ड के बारे में जानने वालों पर पुलिस ने दबिश दी तो रामबाबू ने सरेण्डर करना ठीक समझा।
– कोई बेटा मां से बदसूलकी सहन नहीं कर सकता
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामबाबू अपनी मां के साथ सरेआम पिटाई से खासा क्षुब्ध था। पूछताछ में उसने स्वीकारा है कि मेरे साथ मारपीट की, उसका बुरा नहीं लगा, लेकिन जब उन्होंने मेरी मां के साथ बदसूलकी और मारपीट की तो वह बर्दाश्त नहीं हुई। इसके बाद भी मदन मोगरा व साथी उसे प्रताडि़त करने से नहीं चूकते। वैसे भी कोई बेटा अपनी माता-पिता के साथ बदसूलकी और अपमान सह नहीं सकता।
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