नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश में दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा ने सात राज्यों में राज्यसभा की बची हुई25 सीटों में से12 सीटें जीत ली। उत्तर प्रदेश में किसी समय धुर विरोधी रहे सपा और बसपा की नई- नई दोस्ती भी यहां बसपा उम्मीदवार को जिताने के काम नहीं आई और राज्य की दस रास सीटों में से नौ भाजपा की झोली में चली गई। राज्यसभा की59 सीटें रिक्त हुई थी। इनके लिए10 राज्यों के33 उम्मीदवारों को15 मार्च को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया। इनमें से16 उम्मीदवार भाजपा के थे। जीतने वाले प्रमुख नामों में वित्त मंत्री अरूण जेटली और भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव, सपा की जया बच्चन( सभी उत्तर प्रदेश से), कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के राजीव चंद्रशेखर प्रमुख हैं।
शरद यादव के धड़े वाले जनता दल( यू) की राज्य इकाई के अध्यक्ष एमपी वीरेंद्र कुमार आज केरल से राज्यसभा के लिए चुने गए। कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार के भाजपा नीत राजग से हाथ मिलाने के विरोध में संसद के उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। जिसके चलते एक सीट रिक्त हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा चुनाव में विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ विभिन्न राज्यों से चुनकर राज्य सभा में आए सभी लोगों को बधाई और फलदायी संसदीय जीवन के लिये शुभकामना। मैं उम्मीद करता हूं कि ये सांसद जिस राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं उसकी अकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से आवाज देंगे।’’
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा द्वारा निर्वाचन आयोग से दो मत निरस्त करने की मांग को लेकर शिकायत किए जाने के कारण करीब दो घंटे देर से शुरू हुई मतगणना के नतीजों ने विपक्ष को निराश कर दिया। चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अरूण जेटली, डॉक्टर अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉक्टर अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव तथा अनिल कुमार अग्रवाल विजयी करार दिये गये। अग्रवाल ने द्वितीय वरीयता वाले मतों के आधार पर बाजी मार ली। सपा की जया बच्चन चुनाव जीत गयीं जबकि बसपा के भीमराव आंबेडकर को निराशा हाथ लगी। कुछ दिन पहले सपा और बसपा की संयुक्त ताकत के आगे भाजपा गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव हार गई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की सभी नौ सीटों पर विजय से सपा का अवसरवादी चेहरा सामने आ गया है।उन्होंने कहा कि सपा का अवसरवादी चरित्र कुछ नया नहीं है और राज्य की जनता पहले से ही इसे देखती आ रही है। झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिये चुनाव हुआ जिसमें से एक सीट भाजपा के समीर उरांव को और दूसरी सीट कांग्रेस के धीरज साहू को मिली। यहां भाजपा के दूसरे उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया को हार का सामना करना पड़ा। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और तृणमूल कांग्रेस के चार उम्मीदवारों ने रास चुनाव जीत लिया। राज्यसभा चुनाव जीतने वाले तृणमूल कांग्रेस के चार उम्मीदवार नदीमुल हक, सुभाशीष चक्रवर्ती, अबीर बिश्वास और शांतनु सेन हैं।
राज्यसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का समर्थन सिंघवी को था जिन्होंने पांचवें उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के पास यहां अपने उम्मीदवार को जितवाने के लिये विधानसभा में पर्याप्त संख्याबल नहीं था। पीठासीन अधिकारी जयंता कोले ने बताया कि नदीमुल हक को 52 मत मिले, सुभाशीष चक्रवर्ती को 54, अबीर विश्वास को 52 और शांतनु सेन को 51 मत मिले। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों ने राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल की जबकि विपक्षी भाजपा के खाते में एक सीट गयी। जेडीएस ने चुनावी कदाचार का आरोप लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस के डॉ एल हनुमनथैया, डॉ सैयद नासिर हुसैन एवं जी सी चंद्रशेखर और भाजपा के राजीव चंद्रशेखर को निर्वाचित घोषित किया। जेडीएस के चुनाव आयोग से शिकायत करने से मतगणना शुरू करने में देरी हुई। तेलंगाना राष्ट्र समिति के उम्मीदवार बी प्रकाश, बी लिंगैया यादव और जे संतोष कुमार तेलंगाना से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। मुख्य विरोधी दल कांग्रेस के उम्मीदवार पी बलराम को यहां हार का सामना करना पड़ा। प्रकाश, यादव और संतोष कुमार को क्रमश: 33, 32 और 32 मत मिले । आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि बलराम को महज 10 वोट मिले थे। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडे ने छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर आज हुए चुनाव में कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी लेखराम साहू को हरा दिया।
राज्य विधानसभा सचिव चंद्र शेखर गंगराडे ने पीटीआई को बताया कि राज्य विधानसभा परिसर में हुए चुनाव में पांडे को 51 मत मिले जबकि साहू को 36 मत मिले। गंगराडे निर्वाचन अधिकारी भी हैं। सदन में भाजपा के 49 , कांग्रेस के 39 , बसपा के एक विधायक तथा एक निर्दलीय हैं।