नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को आज बताया कि वह ताज महल और ताज ट्रापेजियम जोन (टीटीजेड) के भीतर और इर्दगिर्द सतत विकास सुनिश्चित करने और पर्यावरण के संरक्षण को लेकर ह्यपूरी तरह प्रतिबद्ध है। टीटीजेड 10,400 वर्गकिमी का इलाका है जो उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और इटावा जिलों तथा राजस्थान के भरतपुर जिले तक फैला है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह एक अलग सूक्ष्म स्तरीय योजना पर विचार कर रही है जो ताजमहल की उचित सुरक्षा एवं संरक्षण तक सीमित होगी। शीर्ष अदालत में पेश हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि ताज महल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रावधानों को आगरा के मास्टर प्लान – 2021 में शामिल किया गया है।
राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा , ससम्मान यह बताया जाता है कि राज्य खासतौर से ताज ट्रापेजियम जोन के भीतर और इर्दगिर्द पर्यावरण के संरक्षण और सतत विकास को सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य वादा करता है कि वह पर्यावरण संबंधी कानूनों और इस अदालत के सभी आदेशों का पूरी तरह से पालन कर ताज ट्रापेजियम जोन में पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन सुनिश्चित करेगा। राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष इस मामले को रखा और हलफनामा पेश करने की इजाजत मांगी। पीठ ने राज्य को हलफनामा पेश करने की इजाजत दे दी। इसे शीर्ष अदालत के 27 अक्तूबर के उस आदेश का अनुपालन करते हुए जमा किया गया है जिसमें ताज महल और टीटीजेड के संरक्षण पर विस्तृत नीति पेश करने को कहा गया था।