इलाहाबाद. गंगा के किनारे पर बसे 52 जिलों के सभी 4480 गाँव ओडीएफ घोषित किए गए है यह जिले पाँच राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में है। आज इलाहाबाद के नैनी में हुए गंगा गाँव सम्मेलन नमामि गंगे परियोजना के तहत इन्हे ओडीएफ घोषित किया गया। यह घोषणा ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र तोमर ने की। बाद में जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती और नरेन्द्र सिंह तोमर ने गंगा ग्राम मॉडल लॉन्ज किया। इसके लिए 24 नमामी गंगे गाँवों की पहचान की गई है। इनमे से उत्तराखण्ड में 3 उत्तर प्रदेश में 10 बिहार में 4 झारखण्ड 5 पश्चिम बंगाल में 2 गाँवों की पहचान की गई है। इन्हे आदर्श गंगा ग्राम बनाया जाएगा। गंगा ग्राम योजना, जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय का संयुक्त प्रयास है। इन गाँवों के ग्राम प्रधानों ने आदर्श गंगा ग्राम का लक्ष्य हासिल करने की शपथ ग्रहण की। यह शपथ जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने दिलाई।
गंगा ग्राम प्रयास के तहत बेहतर सफाई व्यवस्था और अपशिष्ट प्रबन्धन तलाबों और जल स्रोतो के पुनर्उद्धार, जल संरक्षण परियोजनाए ओर्गेनिक खेती, शवदाहगृह पर कार्य किया जाएगा। सरकारी विभागों तथा अन्य परियोजनाओं के साथ बेहतर तालमेल रखा जाएगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि वे दिसम्बर 2018 तक समुचे उत्तर प्रदेश को ओडीएफ घोषित करने के लिए कृत संकल्प है। सुश्री उमा भारती ने अपने संबोधन में कहा कि पवित्र गंगा नदी की स्वच्छता पर बड़े कदम उठाए जा रहे है। तोमर स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति का उल्लेख किया उन्होने कहा कि देश इस दिशा में उन्नति कर रहा है। 2.25 लाख गाँव और 169 जिले ओडीएफ घोषित हो चुके है। देश 2 अक्टूबर 2019 तक पूर्णतः ओडीएफ किए जाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। कार्यक्रम के अन्त में योगी आदित्यनाथ, सुश्री उमा भारती और तोमर ने संयुक्त रूप से 30 स्वच्छता रथों को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इन रथों में स्वच्छता फिल्में दिखाई जाएंगी। गाँव में समुदायों के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक दिखाए जाएंगे नुक्कड़ नाटक समूह स्वच्छता के लिए प्रेरित करेंगे यह रथ पूरे राज्य का दौरा करेंगे और स्वच्छता का संदेश देंगे। लोगों में व्यवहार परिवर्तन की दिशा मे कार्य किया जाएगा। इस सप्ताह 300 रथ विभिन्न राज्यों के 4000 गाँव में स्वच्छता का संदेश फैलाएगे।