नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा व मणिपुर विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने बुधवार को तारीखों की घोषणा की। साथ ही चुनावी कार्यक्रम का ब्यौरा जारी किया। चुनावों की घोषणा होने के साथ ही अब सर्वे भी सामने आया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी को उत्तराखंड में तगड़ा झटका लगने की स्थिति बताई जा रही है। एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के द्वारा 5 से 12 दिंसबर के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार 70 सीटों वाले उत्तराखंड राज्य में इस बार कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है। यहां भाजपा का कमल खिलने के साथ कांग्रेस को इस राज्य से भी हार के तौर पर निराशा ही हाथ लगेगी। सर्वे के मुताबिक राज्य में भाजपा को 35 से 43 सीटें मिल सकती है। यहां मतदाता अपने पसंद का उम्मीदवार चुनने को लेकर 15 फरवरी को वोटिंग करेंगे। चुनाव परिणाम सभी राज्यों के साथ 11 मार्च को जारी किए जाएंगे। गौरतलब है कि उत्तराखंड में अभी हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सत्ता पर काबिज है। सर्वे की माने तो इस मर्तबा कांग्रेस अपना परचम नहीं लहरा सकेगी। चुनावों में भाजपा को 40 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है। वहीं कांग्रेस के खाते में 33 फीसदी मत ही आने की संभावना है। क्षेत्रवार वर्चस्व को देखे तो गढ़वाल और मैदानी क्षेत्रों में भाजपा व कुमाऊं में कांग्रेस अपना दबदबा बना सकती है।
हरीश रावत पहली पसंद
सर्वे के अनुसार यूं तो उत्तराखंड में कमल खिलने की बात सामने आ रही है। फिर भी सीएम पद के लिए पहली पसंद के तौर पर आज भी मतदाता हरीश रावत को देखना ही पसंद करते हैं। सीएम पद के लिए पहली पसंद के सवाल को लेकर हुए सर्वे में जिन लोगों ने हिस्सा लिया उनमें 19 प्रतिशत लोगों की पसंद हरीश रावत ही रहे। जबकि भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी को मात्र 13 प्रतिशत लोगों ने सीएम के चेहरे के तौर पर पसंद किया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य विगत वर्ष में राजनीतिक उथल पुथल भरा रहा। यहां विगत वर्ष मार्च माह में कांग्र्रेस को बगावत का सामना करना पड़ा तो हरीश रावत सरकार पर संकट के बादल घिर गए। जिसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। विवाद भड़का तो प्रकरण हाईकोर्ट के रास्ते सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। यहां शीर्ष अदालत के फैसले के बाद हरीश रावत सरकार ने सत्ता पर वापसी तो की, लेकिन कांग्रेस पार्टी बिखर गई। वहीं स्थिति को भांपकर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी भाजपा के खेमे में जा पहुंचे। ऐसे में अब देखना है कि कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के बल पर उत्तराख्ंाड में किस तरह लाज बचाकर सत्ता पर अपनी वापसी कर सकती है।

LEAVE A REPLY