प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओमीक्रॉन के देश में बढ़ते केस और फैलते संक्रमण को देखते हुए बच्चों की वैक्सीनेशन का बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने 15 से 18 साल आयुवर्ग के सभी बच्चों का वैक्सीनेशन करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री का सही समय पर सही फैसला है। तीन जनवरी से पूरे देश में बच्चों को वैक्सीनेशन लगाने शुरु हो जाएगी। यह वक्त की जरुरत भी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बुजुर्गों और युवाओं को सर्वाधिक चपेट में लिया। लाखों लोगों की मौत हुई। अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेण्डरों की कमी पड़ गई। हालांकि तेजी से हुए वैक्सीनेशन से कोरोना को काबू में पा लिया गया।
अब ओमीक्रॉन के बढ़ते केसों व संक्रमण का सर्वाधिक खतरा किशोर व बच्चों पर ज्यादा पडऩे की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि अधिकांश बड़े-बुजुर्गों के टीके लग चुके हैं। उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। पहली व दूसरी लहर के दौरान बच्चे सुरक्षित रहे। क्योंकि वे घरों में रहे। शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण बाहर नहीं निकले और सुरक्षित रहे। लेकिन अब शिक्षण संस्थान खुल चुके हैं। नियमित कक्षाएं भी हो रही है। छोटे-बड़े बच्चे सभी स्कूल आ-जा रहे हैं। स्कूल खुलने के साथ ही राजस्थान, तमिलनाडू, आसाम के कुछ स्कूलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव की खबरें भी आ चुकी है। खासकर छोटे बच्चों को मास्क, दो गज दूरी की समझ नहीं है। दो साल बाद घर से बाहर निकले हैं। बड़ों की तरह उन्हें आसानी से कोरोना रोग की भयावहता का अंदाजा समझाया नहीं जा सकता। ऐसे में अब बच्चों को वैक्सीनेशन की सर्वाधिक जरुरत है।
क्योंकि विषय विशेषज्ञ भी अंदेशा जता रहे हैं कि बच्चे सर्वाधिक चपेट में आएंगे। हालांकि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से अधिक होती है, लेकिन कोरोना की भयावहता और इस वायरस के बदलते स्वरुप को देखते हुए बच्चों का वैक्सीनेशन करना जरुरी है। प्रधानमंत्री की घोषणा से बच्चों को भी वैक्सीनेशन लग सकेगी। पहले 15 से 18 साल के बच्चों को लगेगी। इसके बाद इससे कम आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीनेशन दी जाएगी। बच्चों के लिए जायडस कैडिला कंपनी की बनाई जायकोव-डी और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी दी है। राजस्थान में भी तैयारियां पूरी है। प्रदेश में करीब 51 लाख 11,209 बच्चे 15 से 18 साल के बीच में है। 3 जनवरी से उन्हें अस्पताल, डिस्पेंसरी और स्कूलों में भी वैक्सीनेशन दी जाएगी। साथ ही बुजुर्ग, फ्रंटलाइन वक्र्स को बूस्टर डोज दी जाएगी।