नई दिल्ली। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर प्रदेश की आन्तरिक सुरक्षा और सूखा राहत से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जयपुर में एक नई रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) बटालियन, काउंटर टेरेरिज्म संस्थान एवं जोधपुर में आपराधिक न्याय संस्थान की स्थापना करने का आग्रह किया। राजे ने खरीफ-2017 से लागू होने वाले केन्द्र के नये सूखा राहत मेनुअल-2016 के मानदंडों में व्यावहारिक संशोधन करवाने का भी आग्रह किया। 24 बॉर्डर इंटेलीजेन्स चेक पोस्ट की बहाली राजे के केन्द्रीय गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप राज्य की 24 बॉर्डर इंटेलीजेन्स चेक पोस्ट को बहाल करने का आग्रह किया। साथ ही उन पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण सीमा क्षेत्र विकास परियोजना या अन्य किसी योजना से करवाने की मांग रखी।
नई रैपिड एक्शन फोर्स बटालियन की स्थापना
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से पुलिस आधुनिकीकरण की अम्ब्रेला स्कीम के अंतर्गत जयपुर में एक नई रैपिड एक्शन फोर्स बटालियन की स्थापना को गति प्रदान करने के लिए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया। उन्होंने काउंटर टेरेरिज्म संस्थान एवं जोधपुर में आपराधिक न्याय संस्थान की स्थापना के लिए त्वरित कार्यवाही और इनके लिए आवश्यक धनराशि मंजूर करने का भी आग्रह किया।
नए सूखा राहत मेनुअल के मानदंडों में व्यावहारिक संशोधन हो
बैठक के दौरान राजे ने बताया कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लाए गए नये सूखा राहत मेनुअल-2016 के मानदंड काफी जटिल हैं और प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में उन्हें लागू करना व्यावहारिक नहीं है। इसमें सूखा प्रभावित क्षेत्र की घोषणा करने के लिए कई नई शर्तें जोड़ी गई हैं। ऐसे में राजस्थान के लिए इस नए मेनुअल को लागू करने की अनिवार्यता पर पुनर्विचार करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में खरीफ-2017 के लिए फसलों की गिरदावरी 16 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच की गई है। गिरदावरी के अनुसार राज्य में 12 जिलों की 41 तहसीलों के 4065 राजस्व गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का खराबा पाया गया है। नये मेनुअल की शर्तों के अनुसार भीलवाड़ा जिले की चार और हनुमानगढ़ जिले की तीन तहसीलों को सूखा क्षेत्र घोषित करने में दिक्कत है। राजे ने बताया कि राजस्थान में आपदा प्रबंधन एक्ट के कानूनी प्रावधानों के तहत राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसने आपदा प्रबन्धन की व्यापक कार्य योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री द्वारा उठाये सभी मुद्दों पर केन्द्रीय गृहमंत्री ने उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया। बैठक में राज्य के प्रमुख गृह सचिव दीपक उप्रेती, ग्रामीण विकास सचिव रोहित कुमार और आपदा प्रबन्धन सचिव हेमंत कुमार गेरा भी मौजूद थे।