जयपुर। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नेता प्रतिपक्ष बनने की चर्चा को विराम लग गया है। वसुंधरा राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज चौहान और छत्तसीगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। इन तीनों ही राज्यों में भाजपा को विधानसभा चुनाव में शिकस्त मिली है। तभी से इन्हें राज्य की राजनीति से बाहर करके राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय करने की कवायद चल रही थी।
राजस्थान में अब नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस संबंध में 13 जनवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक रखी गई है, जिसमें केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से राय मशविरा करके नेता प्रतिपक्ष का चयन करेंगे। संभावना है कि इस पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का नाम सबसे आगे है।
संभावना है कि पार्टी कैलाश मेघवाल और गुलाब चंद कटारिया के नाम पर हरी झण्डी दे सकती है। क्योंकि दोनों ही नेता पार्टी के वरिष्ठ विधायक है और कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ है। वैसे नेता प्रतिपक्ष के नाम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का दखल रहेगा। राजे आसानी से राज्य की राजनीति को छोडऩे के मूड में नहीं है। बिना राजे की सहमति और चर्चा के नेता प्रतिपक्ष का चयन संभव नहीं है।