जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश में सरकार और कानून का इकबाल खत्म हो गया है। ना सरकार की साख और ना ही पुलिस का इकबाल। प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं। चारों तरफ अराजकता फैली हुई है। हिण्डौनसिटी में पूर्व मंत्री भरोसी लाल जाटव और भाजपा विधायक राजकुमारी जाटव के घरों को पुलिस अफसरों की मौजूदगी में आग लगा दी गई।
ऐसे अराजक माहौल में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नैतिक रूप से पद पर रहने का हक नहीं है। सरकारी आवास पर प्रेसवार्ता में गहलोत ने तीन अप्रेल को भारत बंद के बाद हिण्डौन सिटी में दलित समाज के घरों को जलाए जाने की घटनाओं को बेहत शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह दिल दहलाने वाली घटना है। यह सरकार और पुलिस पर कलंक है। इस घटना के बाद सरकार का कोई नुमाइंदा पीडित परिवारों से मिलने तक नहीं गया। अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं, एसटी-एससी पर अत्याचार बढ़ गए हैं। कानून का इकबाल नहीं होने से छोटी बच्चियों के साथ रेप और हत्याएं हो रही है। गहलोत ने कानून व्यवस्था को फेल बताते हुए गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया पर तंज कसते हुए कहा कि वे शराब बंदी की बात उठाने वाली महिलाओं को कह रहे हैं कि उन्हें वोट की जरुरत नहीं है।
जनता पिछले वोट का हिसाब मांग रही है, लेकिन उनके पास देने को कुछ नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव में वैसे भी जनता उन्हें वोट देने वाली नहीं है। गहलोत ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार का आालम यह है कि बिना लेन-देन के कोई काम नहीं होता है। चारों तरफ भ्रष्टाचार है। भ्रष्ट अफसरों के प्रमोशन हो रहे हैं। ईमानदार अफसर ठण्ड में है। भ्रष्टाचार के चलते अफसर सरकार की सुन नहीं रहे हैं।