delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया. ‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है। लेकिन वो हमें कहकर गए हैं- “मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?”
अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम् शांति ! हमारे प्रिय अटल जी के देहावसान पर पूरा राष्ट्र दुखी है। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। वे राष्ट्र के लिए जिये और दशकों तक उसकी अथक सेवा की। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिजनों, भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके लाखों प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम् शांति !
यह अटल जी का बेमिसाल नेतृत्व था, जिसने 21वीं सदी के मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत की आधारशिला रखी। विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में उनकी दूरगामी नीतियों ने भारत के प्रत्येक नागरिक के जीवन को स्पर्श किया। मेरे लिए अटल जी का निधन एक निजी और अपूरणीय क्षति है। उनके साथ मेरी असंख्य प्रिय स्मृतियां हैं। वे मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत थे। मैं उनकी तीक्ष्ण मेधा और शानदार वाक्य चातुर्य का विशेष तौर पर स्मरण करता हूं।
अटल जी की जीवटता और संघर्ष के कारण ही भारतीय जनता पार्टी का उत्तरोत्तर विकास होता रहा है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के संदेश को प्रसारित करने के लिए देश भर की यात्रा की, जिसके आधार पर भारतीय जनता पार्टी हमारी राष्ट्रीय राजनीति और कई राज्यों में मजबूत स्थिति में आ गई,’ प्रधानमंत्री ने अपने कई ट्वीट में यह कहा है।
इसके पूर्व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान, नई दिल्ली ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके यह सूचना दी थी कि सायं 05:05 पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। एक संदेश में उन्होंने कहा कि आज ही सुबह उन्होंने श्री वाजपेयी का हालचाल जाना, लेकिन यह उम्मीद नहीं की थी कि वे इतनी जल्दी चले जाएंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे नि:संदेह आजादी के बाद देश के बड़े नेताओं में से एक थे।