जयपुर। वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश के 13वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में नायडू ने हिन्दी में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वेंकैया नायडू को शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सभी केन्द्रीय मंत्री, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत तमाम दलों के नेता मौजूद रहे। शपथ के बाद नायडू राज्यसभा में सदन कार्यवाही में सभापति के तौर पर हिस्सा लिया। नायडू ने उपराष्ट्रपति के तौर पर एम.हामिद अंसारी की जगह ली है।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले नायडू राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबासाहेब बी.आर. अंबेडकर को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर सांसदों, नेताओं ने उन्हें बधाई दी।पांच अगस्त को हुए चुनाव में विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को नायडू ने हराया। नायडू को 760 वैध मतों में से 516 मिले।
– स्वयं सेवक से भाजपा के बड़े नेता बने
वेंकैया नाडयू आंध्रप्रदेश के नेल्लोर में जन्में। उनका जन्म 1 जुलाई, 1949 को हुआ। राजनीति में स्नातक और लॉ डिग्री की ली। लॉ डिग्री के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सम्पर्क में आए और स्वयं सेवक बन गए। 1972 में आंध्रा आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और तभी उनका राजनीति में नाम उभर कर आया। इमरजेंसी में उन्होंने आंदोलन चलाया, जिसके चलते वे जेल भी गए। 1978 में वे पहली बार विधायक पद पर जीते और धीरे-धीरे आंध्रप्रदेश में भाजपा के बड़े नेता के तौर पर उभरे। भाजपा में यूथ समेत पार्टी में अहम जिम्मेदारियों पर रहे। चार बार वे राज्यसभा सांसद भी रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान सरकार में भी केन्द्रीय मंत्री रहे।