नयी दिल्ली : भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ करीब 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी विजय माल्या को ब्रिटेन की एक अदालत ने दो अप्रैल तक जमानत दे दी है। ब्रिटिश जज ने भारत सरकार की ओर से पेश किए गए सबूतों की स्वीकार्यता के खिलाफ बचाव पक्ष की दलीलें सुनी। बैंकों के कर्जों में धोखाधड़ी और धन शोधन के मामलों में मार्च 2016 से भारत से फरार चल रहे 62 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या पर लंदन की एक अदालत में चार दिसंबर को प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई शुरू हुई थी।
प्रत्यर्पण के लिए जारी वारंट के आधार पर माल्या को पिछले साल अप्रैल में लंदन की स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह जमानत पर चल रहे हैं। माल्या के मुकदमे पर कल अंतिम सुनवाई होने की उम्मीद थी लेकिन यह बेनतीजा रही क्योंकि बचाव पक्ष अभी अपनी दलीलें पूरी नहीं कर पाया। अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन अगले तीन सप्ताह के भीतर सुनवाई होने की संभावना है। पूर्व की प्रतिबद्धताओं के कारण अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं की जा सकी और माल्या को दो अप्रैल तक के लिए जमानत दे दी गई।
न्यायाधीश एम्मा अर्बुथनॉट इन साक्ष्यों पर अपना निर्णय सुनाने के बाद अंतिम जिरह के लिए तारीखें तय करेंगी। वह उसके आधार पर फैसला करेंगी कि माल्या को क्या भारत में कानूनी कार्रवाई के लिए वहां की सरकार को सुपुर्द किया जा सकता है। यह मामला किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े कर्जों से संबंधित है। यह एयरलाइन अब बंद हो चुकी है। अदालत ने प्रस्तुत साक्ष्यों पर दोनों पक्षों को अपना-अपना बयान पेश करने के लिए कहा है। जज ने मुंबई के ऑर्थर रोड केंद्रीय कारागार की बैरक संख्या 12 में रोशनी और चिकित्सा सेवा के बारे में कुछ और स्पष्टीकरण मांगे हैं।