-विजय धर्म-राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया
jaipur.पाथेय-कण संस्थान में विजयनगर साम्राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया। विजयधर्म-राज्य की स्थापना वैशाख शु.7 विक्रमी 1393 (ईस्वी सन् 1336) के दिन राय हरिहर ने की थी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा.आलोक चतुर्वेदी ने समारोह में कहा कि विजयनगर उस समय का विश्व का सर्वाधिक सम्पन्न एवं शक्तिशाली साम्राज्य था। श्री आलोक चतुर्वेदी इतिहास के विद्वान एवं राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वर्तमान में वे बाल कल्याण एवं विकास आयोग में उप-सचिव हैं।
चतुर्वेदी ने विजय धर्म-राज्य की स्थापना के समय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विजय नगर ने ढाई सौ सालों तक अरब तथा मध्य एशिया के इस्लामी हमलावरों को दक्षिण में प्रवेश करने से रोके रखा। इसी के साथ विजय नगर के पराक्रमी सम्राटों ने तुंगभद्रा से महानदी (उड़ीसा) तक के क्षेत्र से हमलावरों को खदेड़ दिया। श्रीकृष्णदेव राय इस साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध सम्राट थे। उनके कालखण्ड में भारत का सांस्कृतिक जीवन अत्यंत समृद्ध हुआ। मुख्य वक्ता ने राय हरिहर के जीवन पर भी प्रकाश डाला।
समारोह की अध्यक्षता पाथेय कण के संपादक कन्हैयालाल चतुर्वेदी ने की। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास गुलामी का नहीं है। गत आठ सौ सालों का इतिहास भी सतत संघर्ष का गौरवशाली इतिहास है। विजय नगर साम्राज्य इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद जयपुर के सहायक निदेशक डा. सुभाष कौशिक ने कहा कि विजय नगर साम्राज्य का कालखण्ड भारत का स्वर्णिम युग था। इतिहास संकलन समिति से जुड़े विद्वानों, इतिहास के विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी इस समारोह में उपस्थित हुए।