नयी दिल्ली : मोबाइल हैंडसेट और ऐसे अन्य उपकरणों की दुनियां में जहां 2017 का साल डुअल कैमरों व अधिक क्षमता वाली बैटरियों के लिए जाना गया वहीं नये साल यानी 2018 में स्मार्टफोन के स्क्रीन के आकार तथा आभासी वास्तविकता वीआर जैसी नयी प्रौद्योगिकियों पर निगाह रहेगी। सीधे शब्दों में कहें तो स्मार्टफोन आने वाले साल में और स्मार्ट हो सकता है जिसके संकेत इस साल ही मिलने लग गए। साल 2017 की ही बात की जाए तो फोन का मतलब कॉल करने वाला उपकरण भर नहीं रह गया। या यूं कहें कि फोन का इस्तेमाल बातें करने के लिए कम अन्य कामों के लिए अधिक किया जा रहा है जिसमें मैसेजिंग से लेकर फोटोग्राफी व सोशल मीडिया नेटवर्किंग शामिल है।
बदलाव का संकेत देते हुए सैमसंग, माइक्रोमैक्स व वीवो जैसी कंपनियों ने 18:9 ‘आस्पेक्ट रेशियो डिस्प्ले’ वाले स्मार्टफोन पेश किए। मोबाइल डेटा के लिहाज से भारतीय ग्राहक इस समय दुनिया में अव्वल हैं और यह मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए एक बड़ा तथ्य है जिस पर वे ध्यान कर रही हैं। चेहरे से पहचान (फेसियल रिक्गनाइजेशन) व कृत्रिम समझ (एआई) जैसी प्रौद्योगिकी इस साल और अधिक स्मार्टफोनों के साथ ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचेगी। चीनी व घरेलू मोबाइल कंपनियां इस दिशा में पहल कर रही हैं ताकि इस प्रौद्योगिकी वाले स्मार्टफोन ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
इस साल भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीन की मोबाइल कंपनियों की तूती बोलती रही जिसमें शियोमी, ओपो, वीवो व लेनोवो शीर्ष पांच में से चार स्थान पर रही। शीर्ष पांच कंपनियों अव्वल सैमसंग रही। हालांकि ताजा आंकड़ों के अनुसार सितंबर तिमाही में शियोमी भी बाजार भागीदारी के लिहाज से उसके बराबर आ गई। उद्योग के एक विशेषज्ञ के अनुसार, ‘दोनों की प्रतिस्पर्धा देखनी रोचक होगी। शियोमी के लिए चुनौती आफलाइन यानी खुदरा स्टोर बाजार है जहां सैमसंग बहुत मजबूत है। वहीं सैमसंग को आनलाइन उपस्थिति मजबूत बनानी होगी जहां शियोमी अव्वल है।’ इस बीच अमेरिकी कंपनी एपल ने अपने आईफोन एसई का भारत में विनिर्माण विस्ट्रान के साथ भागीदारी में शुरू किया। इस घरेलू मोबाइल बाजार की बढ़ती महत्ता को रेखांकित करता है।
अनुसंधान फर्म काउंटरप्वाइंट के अनुसार इस साल देश में 13.4 करोड़ स्मार्टफोन बिकने की उम्मीद है। यह संख्या अगले साल बढ़कर 15.5 करोड़ हो जाएगी। जहां तक फीचर फोन का सवाल है तो अब भी उनकी बहुलता है। साल 2018 में कुल बिक्री 29.8 करोड़ रहने की उम्मीद है जिसमें से 14.3 करोड़ फीचर फोन होंगे। काउंटर प्वाइंट में सह निदेशक तरूण पाठक ने कहा कि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं किया या जिन्हें फीचर फोन से ज्यादा सुविधा है। उधर रिलायंस जियो ने इस साल एक बार फिर अपने ‘शून्य प्रभावी लागत’ वाले 4जी फीचर फोन से दूरसंचार बाजार में हलचल मचायी। इस फोन के जरिए ग्राहक डेटा का उपयोग कर सकते हैं और वीडियो भी देख सकते हैं। जियो के इस कदम के बाद एयरटेल व वोडाफोन जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों को सस्ते स्मारर्टफोन लाने के लिए माइक्रोमैक्स व इंटेक्स जैसी कंपनियों से गठजोड़ करना पड़ा।