जयपुर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग से किसानों की मौत के बाद वहां के हालात और मृतक किसानों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले राजस्थान पहुंचे। राजस्थान के उदयपुर से वे कार और बाइक के सहारे मंदसौर जाने की कोशिश की, लेकिन वे वहां जाने तक सफल नहीं हो पाए। मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। करीब तीन-चार घंटे गिरफ्तार करके फिर वापस राजस्थान के नीमच में छोड़ गए।

मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिलने के चलते राहुल गांधी ने कार और बाइक के माध्यम से मंदसौर के किसानों का फैसला किया। वे तीन-चार किलोमीटर खेतों में पैदल भी चले, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने एसपीजी सुरक्षा को दरकिनार करते हुए ना केवल बाइक पर घूमे, बल्कि प्रशासन को भी इस बारे में नहीं बताने के चलते उन्हें यहां भी सुरक्षा नहीं मिली। वे राजमार्ग, संकरे रास्तों व भारी वाहनों के बीच से बाइक पर घूमते रहे। बाइक पर भी तीन सवारी थे। विधायक धीरज गुर्जर बाइक चला रहे थे। राहुल गांधी उनके पीछे थे और राहुल गांधी के पीछे एक सुरक्षा कर्मी बैठा था। उनकी बाइक के पीछे भी कई बाइक चल रही थी, जिसमें एसपीजी कमांडों व कांग्रेस कार्यकर्ता थे। भारी वाहनों के बीच से वे बिना हेलमेट मंदसौर जाने के लिए निकले। इस दौरान उनके आस-पास कई वाहन भी साथ थे। जिन्हें सुरक्षाकर्मी आगे-पीछे करते रहे।

राहुल गांधी के इस फैसले को सुरक्षा दृष्टि से ठीक नहीं बताया जा रहा है। एसपीजी अफसरों के तो हाथ-पांव फूले हुए थे। पुलिस अफसर भी इसे सुरक्षा में चूक मान रहे थे। उनका मानना है कि राहुल गांधी देश के अतिविशिष्ट सुरक्षा श्रेणी के नेता है। वे और उनका परिवार आतंकी संगठनों के टारगेट पर है। ऐसे में इस तरह बाइक पर खुले में नहीं घूमना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को सूचना देकर ही चलना चाहिए, ताकि उनकी सुरक्षा पर ध्यान दिया जा सके। वे मंदसौर जाने के लिए निकले थे, लेकिन बाइक चला रहे विधायक धीरज गुर्जर रास्ता ही भूल गए। वह भी सुरक्षा चूक मानी जा सकती है।

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