-जायल के 120 गांवांे तक पहुंचा हिमालय का मीठा पानी
jaipur. मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जिस सपने के पूरा होने की आस में पीढ़ियां गुजर गई, जायल की जनता के मीठे पानी के उस सपने को हमने पूरा किया है। अब यहां की गांव-ढाणियों को हिमालय का मीठा पानी मिलेगा। करीब 22 साल पहले 1996 में हमारी ही सरकार ने नागौर जिले के लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने का जो बीड़ा उठाया था, मुझे बहुत खुशी है कि वह पूरा हुआ है। राजे जायल में राजस्थान ग्रामीण पेयजल एवं फ्लोराइड निराकरण परियोजना के द्वितीय चरण के तहत जायल क्षेत्र के 120 गांवों को पेयजल वितरण कार्य के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1394 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
राजे ने कहा कि अपनी पिछली सरकार के समय 2003 से 2008 के दौरान मैंने जायल के लोगों की पीड़ा को नजदीक से देखा और इसे दूर करने के लिए मातासुख क्षेत्रीय जलप्रदाय योजना के जरिए शुद्ध जल पहुंचाने का काम शुरू किया। यदि इसके बाद भी हमारी ही सरकार होती तो यह काम हम 2010-11 तक पूरा कर चुके होते। वर्ष 2015 में हमने ही नागौर लिफ्ट परियोजना के दूसरे चरण के तीन पैकेजों का कार्य शुरू किया था। दूसरे चरण से नागौर के सात कस्बों और 986 गांवों को मीठा पानी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागौर राजस्थान का दिल होने के साथ ही मेरा परिवार भी है। आप लोगांे से किए वादों को पूरा करने में मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। सड़क और शिक्षा से लेकर पानी तक, हर क्षेत्र में जो भी वादे किए, उन्हें पूरा करने में हम कभी पीछे नहीं हटे। हमने साढ़े चार साल में नागौर जिले में विकास कार्यों के लिए 10 हजार करोड़ रूपये दिए हैं। जबकि पिछली सरकार के पूरे पांच साल में मात्र चार हजार करोड़ रूपए के ही काम हुए थे।
राज्य सरकार द्वारा किसानों सहित सभी वर्गों के हित में किए गए फैसलों का जिक्र करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों की ऋण माफी का जो ऐतिहासिक निर्णय लिया है, उससे 30 लाख से अधिक हमारे किसान भाइयों को फायदा होगा। इसी तरह सहकारिता विभाग के माध्यम से किसानों को 80 हजार करोड़ रूपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं जो अपने आप में रिकाॅर्ड है। अनुसूचित जाति और जनजाति सहकारी विकास निगम की ओर से दिए गए दो लाख रूपये तक के ऋण भी माफ किए हैं, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को राहत मिली है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्राओं को स्कूटी तथा दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भी वितरित की।
-बांका पट्टी के लिए मुख्यमंत्री भागीरथ बनीं -केन्द्रीय मंत्री
समारोह में केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री श्री सीआर चैधरी ने कहा कि जायल और नागौर जिले के कई क्षेत्रों में पानी में फ्लोराइड की मात्रा इतनी अधिक है कि लोगांे के घुटने टेढ़े हो जाते थे। इसी कारण इस क्षेत्र को ‘बांका-पट्टी’ के रूप में जाना जाता था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बांका-पट्टी तक हिमालय का मीठा पानी लाकर हमारे लिए भागीरथ बन गई हैं।
-महिलाओं ने ली मुख्यमंत्री की बलइयां
बरसों से खारे पानी की पीड़ा झेल रहे जायल के गांवों की महिलाएं उस समय निहाल हो गई जब मुख्यमंत्री ने मोटर का बटन दबाकर जायल हैडवक्र्स का उद्घाटन किया। इसी के साथ सैकड़ों मील दूर से लाया गया हिमालय का मीठा पानी क्षेत्र में पहंुचा, तो इन महिलाओं ने खुशी का इजहार करते हुए मुख्यमंत्री की बलइयां लीं। श्रीमती राजे के हैडवक्र्स पहुंचने पर महिलाओं ने मंगलगीत गाकर उनका स्वागत किया।
जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजस्थान की जल समस्या के स्थायी समाधान के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए हैं। इनमें ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान जैसे महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम शामिल हैं। जायल विधायक डाॅ. मंजू बाघमार ने भी समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री अजय सिंह, चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया, माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हरीश कुमावत, विधायक हबीबुर्रहमान,मनोहर सिंह, सुखाराम, श्रीराम भींचर, मानसिंह किनसरिया, विजय सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधि, प्रमुख शासन सचिव जलदाय श्री रजत मिश्र सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या मंे आमजन उपस्थित थे।