जयपुर। राजस्थान के जयपुर में अपनी कृषि भूमि बचाने के लिए सैकड़ों किसान कई दिनों से महात्मा गांधीजी की तर्ज पर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। आज उनके आंदोलन बीस दिन हो गए हैं। वे जमीन बचाने के लिए आधे जमीन अंदर दबे हुए हैं। चाहे पुरुष हो या स्त्री, सभी जमीन के लिए जमीन सत्याग्रह में लीन है। जयपुर विकास प्राधिकरण ने नींदड आवासीय योजना बसाने के लिए उनकी जमीन अवाप्त की है। किसान परिवार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जेडीए ने सही सर्वे नहीं किया है। इसके विरोध में महात्मा गांधी के अहिंसा व सत्याग्रह आंदोलन की प्रेरणा से वे जमीन सत्याग्रह की राह पर है।
इनकी अगुवाई राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष नगेन्द्र सिंह शेखावत कर रहे हैं। दिवाली के दिन तो पांच सौ से अधिक किसान जमीन सत्याग्रह पर रहे। उनके परिजनों ने भी अपने घरों पर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करके सीधे धरनास्थल पर पहुंचे और अपने परिजनों के बीच दीये जलाकर संकल्प किया कि जब तक सरकार उनकी जमीनों को लेकर मांगे नहीं मानती, तब तक वे ऐसे ही सत्याग्रह करते रहेंगे। आज गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन भी धरनास्थल पर किया गया। भैयादूज पर सत्याग्रह पर बैठे भाईयों के लिए बहनें और बहनों के लिए भाई वहां आएंगे और अपने भाई-बहन को भोजन कराएंगे। स्थिति यह है कि एक बार समझौते के बाद भी जेडीए दुबारा सर्वे करवाने की बात से हट गया है।