जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार पोक्सो कानून की भावना के तहत काम नहीं कर रही है। केन्द्र सरकार भी ऐसे मामलों की ट्रायल तय समय में पूरा करने को कह चुकी है। वहीं मुख्य सचिव गत दिनों अदालत में पेश होकर विशेष कोर्ट खोलने के लिए आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन विशेष कोर्ट नहीं खुले हैं। इसके साथ ही अदालत ने 12 जुलाई को संबंधित अधिकारियों को रिकॉर्ड सहित पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है।
न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि सरकार मामले में कदम उठाए वरना अदालत को इस संबंध में आदेश जारी करने पडेंगे। हाईकोर्ट प्रस्ताव ले चुका है कि पोक्सो के पचास लंबित प्रकरण होने पर नई अदालत खुलनी चाहिए।
इसके अलावा खोली गई विशेष अदालतों में भी पर्याप्त संसाधन मुहैया नहीं कराए गए हैं। सुनवाई के दौरान श्रम न्यायालयों का क्षेत्राधिकार राज्य सरकार के पास रहने या हाईकोर्ट के अधीन करने के संबंध में प्रार्थना पत्र पेश हुआए लेकिन अदालत ने उसमें हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।