जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि मैं लगातार कहता रहा हूं कि राजस्थान में हालात बहुत खराब हैं। ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। बिना पैसे दिये कोई काम नहीं होता। सिविल सर्विस डे पर मेरे इस कथन पर सीएमओ के सचिव के के पाठक ने यह कहते हुए मोहर लगा दी है कि मुझे भी अपने दोस्त के भू परिवर्तन कार्य के लिए पैसा देना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस सरकार का यही असली चेहरा है। गहलोत ने आज यहां एक बयान में कहा कि जयपुर डिस्कॉम में ऊपरी दबाव के चलते शीर्ष पदों पर बैठे दो अधिकारियों का और जयपुर डेयरी में भी दो अफसरों के इस्तीफे इस बात का सबूत हैं कि भ्रष्टाचार के चलते आज ब्यूरोक्रेसी में ऐसे हालात उत्पन्न हो गये हैं। इस सबके चलते आमजन जाये तो जाये कहां, वो अपनी गुहार किससे और कहां करे। खुद मुख्यमंत्री जनता से मिलती नहीं। मंत्रियों द्वारा जनसुनवाई भाजपा कार्यालय में की जाती है। आमजन वहां जाता नहीं। अपनी मांगों को लेकर वहां जाने वालों पर लाठीवार किया जाता है। इससे समझा जा सकता है कि आम जन किस तरह पिस रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ताधारी दल के अनेक विधायक अनेक अफसरों पर खुले में अपनी पीड़ा बयान कर चुके हैं कि उनके क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहे हैं। वे क्षेत्र की जनता के बीच किस मुंह से जायें, अधिकारी उनकी सुनते नहीं। उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी इतने दबाव में है कि वो कोई काम नहीं कर रही है। उनमें इस बात का डर है कि ऊपरी दबाव में गलत काम करने पर उनके खिलाफ भी आगे चलकर कार्रवाई की जा सकती है। सीएमओ के निर्देश पर अनेक अधिकारी प्रतिपक्ष के नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे बनाकर उन्होंने फंसाने का काम कर रहे हैं जिनको हमने भी चेताया है कि ऐसे अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि जनहित के काम करने वाले अधिकारियों को डरने की जरूरत नहीं है, वे आमजन की समस्याओं का निडर होकर समाधान करें। गहलोत ने अफसोस के साथ कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को भारी समर्थन देकर सत्ता में पहुंचाया लेकिन ना जाने क्यूं वर्तमान सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के बजाय कोई काम नहीं कर रही। इसको लेकर सम्पूर्ण प्रदेश में आज घोर निराशा के साथ आक्रोश व्याप्त है। समय आने पर वे इसका माकूल जवाब देंगे।
गौरतलब है कि सर्विस डे पर जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएमओ सचिव के.के.पाठक ने कहा था कि हमारे देश का सिस्टम बहुत ज्यादा पेचीदा है। एक ही फाइल कई जगह घूमती है। मेरे एक मित्र को भी भू-उपयोग परिवर्तन के लिए पैसे देने पड़े थे। भ्रष्टाचार चरम पर है। ब्यूरोक्रेसी के प्रति सम्मान नहीं है। उन्हें लालफीताशाही, लालबाबू, बाबूशाही जैसे शब्द सुनने को मिले थे, जब ब्यूरोक्रेसी के बारे में लोगों की राय जानी थी।