जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंंट प्रोफेसर शिशु रोग भर्ती- 2015 की मेरिट में आने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव को नोटिस जारी किए हैं। इसके साथ ही अदालत ने एक-एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. ममता बजाड और डॉ. शिवलाल मीणा की ओर से दायर याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सौकत रॉय ने अदालत ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने आरपीएससी की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर शिशु रोग के तीस पदों पर आयोजित भर्ती में भाग लिया था। एक याचिकाकर्ता का एससी महिला वर्ग में प्रथम व पूरी मेरिट में 13वां स्थान प्राप्त किया था। वहीं दूसरे याचिकाकर्ता का 12वें स्थान पर स्थान था। याचिकाकर्ता के दस्तावेज सत्यापन भी हो चुके थे। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। याचिका में कहा गया कि गत 31 अक्टूबर को दो अलग-अलग चयन सूची जारी कर कुल 23 सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई, लेकिन याचिकाकर्ता को नियुक्ति से वंचित रखा गया। इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन राज्य सरकार की ओर से उस पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए एक-एक पद याचिकाकर्ताओं के लिए सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।