जयपुर। राजस्थान हाइकोर्ट ने केन्दीय स्वास्थ्य सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, गंगानगर शुगर मिल और आबकारी आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है की क्यों ना प्रदेश में शराबबंदी लागू कर दी जाए।
न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान बार फ़ेडरेशन के सचिव समीर जैन की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया है की राज्य सरकार का सवैधानिक दायित्व है की वह शराब के कारोबार को बढ़ावा ना दे। इसके बावजदू राज्य सरकार राजस्व लेने के लिये शराब बिक्री को प्रोत्साहित कर रही है। यहाँ तक की गंगानगर शुगर मिल मे सरकार खुद ही शराब निर्माण कर रही है। याचिका में कहा गया की वर्तमान मे शराब की खपत बहुत बढ़ गई है। आकड़ो के अनुसार वर्तमान में हर बीस में से एक आदमी शराब पी रहा है।
इसके अलावा शराब निर्माण में भारी मात्रा में पानी खर्च होता है। शराब निर्माताओ के अत्यधिक दोहन से भू जल स्तर डार्क जोन में चला गया है। याचिका में यह भी कहा गया की शराब बंदी की मांग को लेकर पूर्व विधायक गुरचरण सिंह छाबड़ा की अनशन से मौत भी हो चुकी है। याचिका में गुहार की गई है की प्रदेश मे पूर्णरूप से शराबबंदी की जाए।
जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।