जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने लोक परिवहन सेवा के रूटों के बदलाव में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य सचिव, परिवहन आयुक्त और परिवहन प्राधिकरण के सचिव आरसी यादव को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश राकेश शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रमित पारीक और अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 102 में प्रावधान है कि इसी भी स्कीम में संशोधन केवल राज्य सरकार ही कर सकती है। याचिका में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि परिवहन प्राधिकरण के सचिव आरसी यादव ने अपने स्तर पर ही लोक परिवहन सेवा के कई रूटों को बदल दिया। याचिका में कहा गया कि लोक परिवहन सेवा के तहत जयपुर से अलवर वाया शाहपुरा के लिए रूट निर्धारित था, लेकिन आरसी यादव ने इसे जयपुर से शाहजहांपुर कर दिया।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एसीबी में भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में गुहार की गई है कि प्रकरण की जांच एसआईटी गठित कर कराई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।