नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 और 2,000 रुपये के नोटों के आकार, उनकी डिजाइन और फीचर में भिन्नता के चलते इन नोटों की विश्वसनीयता खतरे में है। वहीं आम जनता इनकी वैधानिकता को लेकर संशय की स्थिति में है।
कांग्रेस ने नए नोटों के आकार और फीचर में भिन्नता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग भी की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर ‘आपराधिक लापरवाही और आपराधिक तौर पर दोषीÓ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी के पीछे मोदी का उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। सिब्बल ने यहां पत्रकारों से कहा, हम अभी भी सरकार द्वारा अचानक और गोपनीय तरीके से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के असली उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, साफ-साफ दिख रहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित उद्देश्य पूरे नहीं हुए हैं। सिब्बल ने कहा, नोटों के अलग-अलग आकार के कारण भारतीय नोटों की विश्वसनीयता खतरे में है और वैश्विक स्तर पर इसे लेकर जटिल स्थिति बनी हुई है। नागरिक इन नोटों की वैधानिकता को लेकर संशय में हैं।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वेबसाइट पर 500 रुपये के नोट का आधिकारिक आकार 150 मिलीमीटर लंबा और 66 मिलीमीटर चौड़ा, जबकि 2,000 रुपये के नोट का आधिकारिक आकार 156 मिलीमीटर लंबा और 66 मिलीमीटर चौड़ा बताया गया है। उन्होंने कहा, ये अलग-अलग आकार के नोट कहां छापे जा रहे हैं? पूरी दुनिया में एक ही मूल्य के अलग-अलग आकार के नोट नहीं होते।