नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। 1 घंटा 50 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री नीट, मणिपुर संविधान, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, रोजगार, भ्रष्टाचार, सीबीआई-ईडी, फेडरलिज्म, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर, इंदिरा, राहुल, दलितों पर बोले। प्रधानमंत्री मोदी जब 32 मिनट बोल चुके थे, तब विपक्ष के नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया। वॉकआउट प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया गांधी पर निशाना साधने के बाद हुआ। उन्होंने कहा- ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट और रिमोट पायलट पर सरकार चलाने के आदी हैं। वे काम करने में विश्वास नहीं रखते, वे बस इंतजार करना जानते हैं। इस पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- ये लोग मुझे नहीं, संविधान को पीठ दिखा रहे हैं।  कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए। नारे लगाना, चिल्लाना और भाग जाना, यही उनकी नियति है। पेपर लीक एक बड़ी समस्या है। मेरी इच्छा थी, सारे दल इस पर अपनी राय रखते। लेकिन यह मुद्दा भी इन्होंने राजनीति की भेंट चढ़ा दी। मैं देश के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि आपको धोखा देने वालों को यह सरकार छोड़ने वाली नहीं है। इन्हें सख्त सजा मिले, इसलिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। हमने इसके लिए सख्त कानून बनाया है। मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाएं कम हो रही हैं। स्कूल-कॉलेज, दफ्तर और अन्य संस्थान चल रहे हैं। मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं। जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, एक समय आएगा जब मणिपुर उन्हें रिजेक्ट कर देगा। जो लोग मणिपुर का इतिहास जानते हैं, उन्हें पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। मैं इस सदन में देश को बताना चाहता हूं कि 1993 में मणिपुर में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जो 5 साल चली थीं। यह इतिहास समझकर हमें स्थितियों को ठीक करना है। बहुत सी पार्टियां उनके (कांग्रेस के) साथ बैठी हैं, वह अल्पसंख्यकों की हितैषी होने का दावा करती हैं। वे मुजफ्फरनगर तुर्कमान गेट पर क्या हुआ, उसको क्लीन चिट देती है। ऐसे लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर अपने काले कारनामे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। आपातकाल एक राजनीतिक संकट नहीं था। लोकतंत्र संविधान के साथ-साथ एक मानवीय संकट भी था। अनेक लोगों की मौत हुई। जय प्रकाश नारायण की हालत ऐसी थी कि वे जेल से आकर कभी ठीक नहीं हो पाए। वो दिन ऐसे थे, जो कुछ लोग घर से निकले वे लौटकर नहीं आए। उनके शव तक नहीं मिले। जिन्हें सजा मिली है, उनके साथ ये (कांग्रेस नेता) तस्वीरें निकाल रहे हैं। जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये हंगामा कर रहे हैं। यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए कि सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है। भ्रष्टाचार करे आम आदमी पार्टी (AAP), शराब घोटाला करे आप, बच्चो के काम में घोटाला करे आप। आप की शिकायत करे कांग्रेस और आप को कोर्ट में ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो गाली मोदी को। अब आप और कांग्रेस साथी बन गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चुनाव के लिए नहीं लड़ता, ये मेरा मिशन है। जम्मू कश्मीर में मतदान के आंकड़ों ने पिछले 4 दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र को स्वीकृति देते हैं। देशवासी जिस पल की प्रतीक्षा करते थे, वो आज सहज है। पहले बंद-हड़ताल, आतंकी धमकियां, धमाके की कोशिशें होती थीं। इस बार लोगों ने संविधान पर विश्वास जताकर अपने भाग्य का फैसला लिया है। 2013 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कांग्रेस से लड़ना आसान नहीं है। जेल में डाल देगी, सीबीआई पीछे लगा देगी। मैं रामगोपाल जी से पूछना चाहता हूं कि क्या नेताजी झूठ बोलते थे। रामगोपाल जी, अपने भतीजे को भी यह याद दिलाएं कि राजनीति में कदम रखते ही उनके पीछे सीबीआई लगी थी। 2013 में प्रकाश करात ने कहा था कि कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग करती है। यूपीए सरकार के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है, जो मालिक की आवाज में बोलता है। मैंने दो दिन में कई वरिष्ठ नेताओं की बात सुनी, पूरे देश को निराशा हुई। कहा गया कि ये पहला चुनाव था, जिसमें संविधान की रक्षा का मुद्दा था। क्या आप 1977 का चुनाव भूल गए? तब अखबार रेडियो बंद थे और देश ने संविधान की रक्षा के लिए वोट दिया था। आपातकाल को मैंने करीब से देखा है, लोगों को प्रताड़ित किया गया। लोकसभा का कार्यकाल 5 साल है, लेकिन तब 7 साल चलाया गया। यह कौन सा संविधान है। दर्जनों आर्टिकल यानी संविधान की आत्मा को छिन्न भिन्न करने का काम इन लोगों ने उसकाल खंड में किया। आपके मुंह में संविधान की रक्षा शब्द अच्छा नहीं लगता। हम विमेन लेड डेवलपमेंट की बात करते हैं तो विश्व के नेता चौंक जाते हैं। महिलाओं का योगदान भारत की विकास यात्रा में दिखता है। टॉयलेट, सैनिटरी पेड, गैस कनेक्शन का फायदा देश को मिला है। हमने जो 4 करोड़ घर बनाए हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाओं के नाम कराए। सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं से महिलाओं की भूमिका भी बढ़ी है, हिस्सेदारी भी बढ़ी है। महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा, उनकी आय भी बढ़ी। नई तकनीक महिलाओं के नसीब मे आखिर में आती है, हमारा लक्ष्य है, कि नई तकनीक पहले महिलाओं के हाथ लगे। नमो ड्रोन योजना इसका उदाहरण है। आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक हैं। जब देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा तो इसका लाभ और प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ने वाला है। विकास के अनेक अवसर मिलने वाले हैं। आने वाले कालखंड में हम नए स्टार्टअप और नई कंपनियों को देख रहे हैं। एमएसपी से किसानों को लाभ पहुंचाया। बीज से बाजार तक हमने किसानों के लिए हर व्यवस्था को मजबूत किया। हमारी नीतियों के कारण किसान क्रेडिट कार्ड के विस्तार के कारण हमने किसानी को व्यापक स्वरूप में देखा है। किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मछुआरों को भी मुहैया कराया। हमारे टियर 2 और टियर 3 शहरों का विकास होने वाला है। आने वाले 5 साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में तेजी से बदलाव आने वाला है। इसका लाभ लोगों को मिले, हम इस दिशा में बढ़ना चाहते हैं। ये दशक और ये सदी भारत की सदी है। लेकिन भूतकाल हमें कहता है हम अपने ही कारणों से अपने अवसर खो देते हैं। अब हमें अवसरों को खोना नहीं, तलाशना है। जो देश हमारे साथ आजाद हुए वे बहुत तेजी से आगे निकल गए। हम नहीं बढ़ पाए। हमें इस स्थिति से निकलना है। विकसित भारत का मिशन किसी व्यक्ति का मिशन नहीं, पूरे देशवासियों का मिशन है। पूरा विश्व भारत में निवेश के लिए तैयार है। भारत उनकी पहली पसंद हैं। आज समय की मांग है कि लोगों की रोजमर्रा के जीवन में सरकार का दखल कम हो। जिनको सरकार की जरूरत है, उनके जीवन में सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए। जो अपने बलबूते अपना जीवन आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनके लिए सरकार को आगे आना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ जो हमारी लड़ाई है उसे कई स्तर पर ले जाना पड़ेगा। पंचायत से लेकर संसद तक हम जब बीड़ा उठाएंगे तो भ्रष्टाचार खत्म कर पाएंगे। 21वीं सदी में भारत को अगर भारत की सदी के रुप में स्थापित करना है तो हमें ट्रांसपेरेंसी से काम करना होगा। आज हम एक ऐसी स्थित मे है, जहां हम अगली क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। राज्यों को अपनी योजनाओं को लेकर आगे आना चाहिए। राज्यों के बीच विकास को लेकर स्पर्धा होनी चाहिए। विश्व जब भारत में दस्तक दे रहा है तो इसका लाभ हर राज्य को मिलना चाहिए। रोजगार के लिए राज्यों में स्पर्धा होनी चाहिए। असम में सेमिकंडक्टर पर तेज गति से काम चल रहा है। इससे वहां के नौजवानों और देश को फायदा होने वाला है। दुनिया के लिए न्यूट्रिशन मार्केट का सॉल्यूशन भी हमारे मोटे अनाज में है। इसे वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए राज्य आगे आएं।
मैं अनुभव से सीखा हूं कि फेडरलिज्म का महत्व क्या है। इसीलिए जब जी20 समिट हुई तो हम दिल्ली में कर सकते थे। मोदी की वाहवाही कर सकते थे। लेकिन हमने देश के कई राज्यों में इवेंट किए। विश्व उस राज्य को उसकी ताकत को जाने, हमने इस दिशा में काम किया है। जब कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, आजादी के बाद इतने कम समय में कभी इतनी बार मुख्यमंत्रियों से बात नहीं हुई। हम सभी को राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए काम करना चाहिए। जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, एक समय आएगा जब मणिपुर उन्हें रिजेक्ट कर देगा। जो लोग मणिपुर के इतिहास जानते हैं, उन्हें पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। मैं इस सदन में देश को बताना चाहता हूं कि 1993 में मणिपुर में ऐसी ही घटनाएं हुई थी, जो 5 साल चली थी। यह इतिहास समझकर हमें स्थितियों को ठीक करना है। मणिपुर पर पिछले सत्र में मैंने विस्तार से कहा था, जिसे दोहरा रहा हूं। सरकार वहां की स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयासरत है। वहां 11 हजार से ज्यादा FIR हुईं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाएं कम हो रही हैं। आज मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल कॉलेज दफ्तर और अन्य संस्थान चल रहे हैं। मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं। केंद्र और राज्य सरकार सभी से बात कर रही हैं। गृहमंत्री स्वयं कई दिनों वहां रहे। गृह राज्य मंत्री हफ्तों तक वहां रहे। और लोगों को जोड़ने का काम किया। सरकार के साथ अफसर भी वहां जाकर प्रयास कर रहे हैं इस समय मणिपुर में बाढ़ का भी संकट है। केंद्र और राज्य सरकार पूरा सहयोग कर रही है। आज ही NDRF की दो टीमें वहां पहुंची हैं। आज जो नॉर्थ-ईस्ट पर सवाल उठाते हैं, उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट को अपने नसीब पर छोड़ दिया है। हम नॉर्थ-ईस्ट को देश का सशक्त इंजन बनाने का काम किया है। नॉर्थ-ईस्ट पूर्वी एशिया के साथ ट्रेड का गेटवे बन रहा है। हमने नॉर्थ-ईस्ट में जो 5 साल में काम किया है इतना काम करने में कांग्रेस को 20 साल लग जाते। वहां की कनेक्टिविटी वहां के विकास का मूल आधार है। नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए बिना रुके बिना थके लगातार प्रयास किए हैं। उनकी चर्चा कम हुई है, लेकिन उसके परिणाम बड़े निकले हैं। हमने राज्यों केा साथ बैठाकर सीमा विवाद निपटाए। हिंसा से जुड़े संगठन जो व्यवस्थाओं को चुनौती देकर खून खराबा करते थे, आज वे सरेंडर कर रहे हैं। जिन पर गंभीर गुनाह के आरोप है, वे जेल जाने तैयार हो रहे हैं।

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