जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि भारतीय किसान संघ ने पूरे देशभर में 3 दिन किसानों के साथ छल करने के बाद बिना किसी ठोस समझौते के आंदोलन समाप्त कर दिया। भारतीय किसान संघ ने आंदोलन में सरकार की मिलीभगत से जानबूझकर भाग लिया और अब हर राज्य में ये आंदोलन को वापस ले रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि यह भाजपा एवं केन्द्र सरकार की चाल है, जिसने भारतीय किसान संघ को किसानों के आंदोलन में शामिल करवाया। यह सन्देश देने के लिए कि भाजपा सरकार किसान हितैषी है। प्रधानमंत्री लागत के साथ 50 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ किसानों के देने के वादे सहित सभी वादे भूल चुके हैं। एनडीए सरकार की नीतियों के कारण आज किसान चारों ओर से घिरा हुआ महसूस कर रहा है। समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं हो रहा है तथा घोषित होने के बाद भी खरीद की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को मजबूरी में कम दामों पर फसल बेचनी पड़ रही है। किसानों को पूरी बिजली नहीं मिल रही है, अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान पर किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है। उन्हें खाद बीज तक के लिए भटकना पड़ रहा है। इन कारणांे से पूरे देश भर में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश चुनाव वक्त किसानों के ऋण माफ करने का वादा किया था। एनडीए सरकार को चाहिए कि केवल उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की तर्ज पर किसानों के कर्ज माफी के लिए एक जैसी योजना लाई जाये। गहलोत ने कहा कि कि भारतीय किसान संघ की बजाय राष्ट्रीय स्तर के सभी किसान संगठनों तथा राजनीतिक दलों के साथ किसानों की समस्याओं पर खुलकर चर्चा करने का समय आ गया है। मध्यप्रदेश के मंदसौर की घटना से केन्द्र की एनडीए सरकार एवं राज्यों की भाजपा सरकारों को सबक लेना चाहिए।