जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि आज प्रदेश की महिलाएं हर चुनौती स्वीकार कर उनका सामना करने में सक्षम हैं और अपने घर-परिवार के साथ देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने में पूरा योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हम महिलाओं को पूरी तरह सशक्त बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं ताकि हमारी नारी शक्ति प्रदेश के विकास में और अधिक भागीदारी निभा सके। राजे शुक्रवार को एसएमएस इंवेस्टमेंट मैदान में प्रदेशभर से हजारों की संख्या में आयी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, साथिनों तथा आशा सहयोगिनियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाएं अपनी शक्ति और सामथ्र्य का पूरा उपयोग करें तो राजस्थान को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि भामाशाह योजना प्रदेश की महिलाओं के सशक्तीकरण में सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
आज जिस महिला के पास भामाशाह कार्ड है, वो अपने परिवार की मुखिया है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए राज्य बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया जिसका लाभ प्रदेश की 1 लाख 84 हजार मानदेयकर्मी महिलाओं को मिलेगा। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6 हजार, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को साढ़े 4 हजार, सहायिका को साढ़े 3 हजार, साथिन को 3 हजार 300 तथा आशा सहयोगिनी को 2 हजार 500 रुपये हर माह मिलेंगे। श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में करीब साढ़े 4 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र विकसित किए गए हैं, जहां बच्चों को अच्छी सुविधाएं और बेहतर प्री-स्कूल एजुकेशन मिल रही है। बाल विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए 1 हजार नर्सिंग ट्रेनिंग टीचर्स की भी भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त बनाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।