-कोर्ट ने दोषी 3 थानेदारों के खिलाफ कार्यवाही के दिए आदेश
जयपुर। बिना कोई अपराध किए 6 साल से अन्वीक्षा भुगत रही एक महिला लाली उर्फ संतोष कंवर निवासी हरमाड़ा को उस समय न्याय मिला, जब गुरुवार को एडीजे-3 जयपुर मेट्रो प्रमोद कुमार मलिक ने उसे बरी कर दिया तथा मुकदमें में गंभीर लापरवाही बरतने वाले 3 थानेदारों के खिलाफ पुलिस महानिदेशक को कार्यवाही करने एवं की गई कार्यवाही से कोर्ट को अविलम्ब अवगत कराने के आदेश दे दिए हैं।

अदालत ने आदेश में कहा जांच अधिकारी एसआई सन्तरा मीणा ने अनुसंधान में गंभीर लापरवाही बरती। एसआई सुरेश कुमार ने भी पत्रावली का बिना अवलोकन किए अदालत में चालान पेश कर दिया। सब इंस्पेक्टर अंतिम शर्मा ने प्रकरण में पीड़िता के मृत्युकालीन बयान दर्ज करने का कोई प्रयास ही नहीं किया। कोर्ट ने इसे राजकार्य की घोर उपेक्षा बरतना बताया है। महिला लाली कंवर के एडवोकेट आर.जी. गुप्ता ने बताया कि जवाहर सर्किल थाना इलाकेे में स्थित हरियाली कॉलोनी में किराए से रहने वाले सुरेन्द्र सिंह ने 18 जून, 2०12 को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। जांच अधिकारी संतरा मीणा ने दूषित जांच करते हुए मामले में मृतक की चाचीसास लाली कंवर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के अपराध में गिरफ्तार किया। महिला को 2 माह तक जेल में रहना पड़ा।

वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि मृतक के भाई नरेन्द्र सिंह ने 12 जून, 2०12 को स्टाम्प क्रय कर उसे सम्पत्ति से बेदखल करवा दिया था। 6 दिन बाद सुरेन्द्र सिंह की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई थी। पुलिस ने मृतक की पत्नी से भी पूछताछ नहीं की। मृतक के सास-ससुर होते हुए भी केवल चाचीसास को आरोपी मानकर चालान पेश कर दिया। सुसाईड नोट का भी पुलिस ने सही अनुसंधान नहीं किया।

 

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