Women in Vasundhara Raj's worst grief: Rehana Riaz

जयपुर। प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के महिलाओं की भलाई के संबंध में और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को लेकर गुजरात में दिए गए बयान पर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है मुख्यमंत्री पहले अपना घर यानी राजस्थन को संभाले जहाँ उनके राज में महिलाएं सर्वाधिक दु:खी है। रेहाना रियाज ने कहा कि प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिला उत्पीडन चरम पर है और सरकार पीड़ित महिलाओं को न्याय नहीं दिला पा रही है। प्रदेश में दुष्कर्म और छेड़छाड़ के अपराधों पर अंकुश लगाने में मुख्यमंत्री विफल रही है। भाजपा विधायक महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ कर रहे है लेकिन मुख्यमंत्री मूकदर्शक है। महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रेहान रियाज ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के कल्याण के बारें में वसुन्धरा राजे सरकार की कोई सोच नहीं है। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं की सुध नहीं ली जा रही है और मनरेगा जो कि गरीब तबके की महिलाओं का सम्बल थी, उसे मुख्यमंत्री ने हाशिए में डाल दिया है। इसी प्रकार कांग्रेस शासन में शुरू सामाजिक पेन्शन योजना को वर्तमान भाजपा सरकार ने दुर्भावनापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया है। रियाज ने कहा कि लाखों गरीब, आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के नाम इस योजना से काट दिये गये है। प्रदेश में सत्रह हजार सरकारी स्कूल बंद करने से बालिका शिक्षा पर असर पड़ा है।

ऐसे तमाम हालात में प्रदेश की मुख्यमंत्री यदि गुजरात में जाकर महिलाओं की भलाई की बात करती है तो वह नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली जैसा है। रेहाना रियाज ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुजरात में आरएसएस की मानसिकता पर निशाना साधा है क्योंकि आरएसएस आजादी के सत्तर साल बाद भी संघ से महिलाओं को जोडने में विफल रहा है। रेहाना रियाज ने कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस से जुड़े एक भाजपा नेता ने कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता के बारें में निहायत अपमानजनक टिप्पणी की थी। उस वक्त समूची भाजपा और आरएसएस को साँप क्यों सूंघ गया था और तब उस भाजपा नेता को पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया। रेहाना रियाज ने कहा कि राजनीति में महिलाएं सरपंच से लेकर सांसद तक बन रही है और शिक्षित युवा महिलाएं राजनीति में आगे आ रही है लेकिन भाजपा का नजरिया महिलाओं के प्रति संकुचित है। चूंकि महिलाओं में भाजपा का आधार बहुत कमजोर है इसलिए आरएसएस से महिलाओं के जुड़ाव का जिक्र आने मात्र से भाजपा और आरएसएस तिलमिला उठते है।

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