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भोपाल। हमीदिया अस्पताल के सर्जिकल वार्ड 5 में दो दिन पहले हुई मारपीट का बुधवार को वीडियो सामने आया है। मामूली विवाद पर चार जूनियर डॉक्टर व कुछ कर्मचारी एक मरीज के परिजनों की लात-घूसों से पिटाई कर रहे हैं। एक मिनट तक पीटने के बाद भी बचाव के लिए कोई नहीं आ रहा है। मरीज की मां व अन्य महिला रिश्तेदार रोते हुए हाथ जोड़ती रहीं, लेकिन डॉक्टर पर उनके रोने का का भी कोई असर नहीं हुआ। कॉलेज प्रबंधन ने वीडियो के आधार पर मारपीट करने वाले डॉक्टरों को चिन्हित कर लिया है।

एक्सीडेंट में घायल शिवा उर्फ सुनील नामक मरीज को हमीदिया अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में पांच में भर्ती किया गया था। यहां सोमवार रात में शिवा कुछ दोस्त उससे मिलने पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें बाहर जाने को कहा। इस पर विवाद हो गया। इसके बाद दोनों पक्ष शांत हो गए। अगले दिन शिवा की मां और भाई खाना लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया। इस पर मामूली विवाद के बाद जूडा ने मारपीट शुरू कर दी। मरीज को अस्पताल से बाहर जाने को कह दिया। उसी दिन शाम को शिवा की ओर से कोहेफिजा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में जूनियर डॉक्टरों ने कॉलेज प्रबंधन को बताया कि मरीज के परिजनों ने एक महिला डॉक्टर को कमेंट कर दिया था। इसके बाद विवाद बढ़ा है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि डॉक्टरों ने मरीज की शिकायत पुलिस में नहीं की और मारपीट शुरू कर दी।गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. जितेन शुक्ला ने बताया वीडियो देखने के बाद जांच के लिए तीन प्रोफेसर्स की कमेटी बनाई गई है। इसमें डॉ. डीके पाल, डॉ. आदित्य अग्र्रवाल व डॉ. सुनीत टंडन शामिल हैें। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। वीडियो में दिख रहे डॉक्टरों को चिन्हित कर लिया गया है। उनसे शुक्रवार को पूछताछ की जाएगी। इसके बाद इस मामले जूडा पर कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।वीडियो देखने के बाद डिविजनल कमिश्नर व गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति (कार्यकारिणी) के अध्यक्ष अजातशत्रु श्रीवास्तव ने पुलिस को घटना की जांच करने के लिए कहा है। इसके अलावा डीआईजी संतोष सिंह ने भी जांच के निर्देश दिए हैं। एडिशनल एसपी राजेश भदौरिया की घटना की जांच सौंपी गई है।

 

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