जयपुर। गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि पूरे राजस्थान में महिलाओं से सम्बन्धित अपराधों में 12 प्रतिशत की कमी आई है। अपराध घट रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाने पर्याप्त है, कोई व्यक्ति चाहे तो अपने मुकदमें को महिला थाने में स्थानान्तरित करवा सकता है। कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि राजस्थान में 40 पुलिस जिले हैं और प्रत्येक में महिला थाना खुला हुआ है। केवल कोटा में 330 मुकदमें दर्ज है। छह जिले ऎसे हैं जिनमें 200-300 तक मुकदमें, 17 जिले ऎसे हैं जिनमें 100-200 तक मुकदमें, 16 जिले ऎसे हैं जिनमें 0-100 तक मुकदमें दर्ज हैं। इन मुकदमों की संख्या को देखते हुए महिला थाने खोले जाने की आवश्यकता महसूस नहीं होती।

गृह मंत्री ने बताया कि 861 थानों में से 786 थानों में महिला डेस्क बनी हुई है, ताकि महिला अपनी बात को कह सके। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ में निरन्तर महिलाओं से सम्बन्धित मुकदमों में गिरावट आ रही है। जिससे महिला थाना खोले जाने का कोई औचित्य नहीं है। कटारिया ने थानों में सीएलजी कमेटियों में महिला कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर कहा कि अबकी बार यह प्रयास करेंगे कि सीएलजी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़े। उन्होंने बताया कि जोधपुर कमिश्नरेट में दो महिला पुलिस थाने हैं। उनमें दर्ज मुकदमों की संख्या के आधार पर महिला थाना खोले जाने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने बताया कि कोटा के कमाण्ड सेन्टर में सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं, इन्हें पर्याप्त संख्या में लगाने का प्रयास करेंगे और बहुत शीघ्र ही लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक संसाधन उपलब्ध होते ही थाने व चौकियों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। इससे पहले विधायक द्रोपती द्वारा पूछे गए मूल प्रश्न के जवाब में गृह मंत्री ने बताया कि प्रदेश में प्रत्येक जिला केन्द्र (जिला मुख्यालय) पर महिला पुलिस थाने खुले हुए हैं। कटारिया ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय पर महिला पुलिस थाने खोलने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

गृह मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जिलों व आयुक्तालय में कमाण्ड कन्ट्रोल सेंटर की निगरानी में महिला गश्ती दलों का गठन किया जाकर निगरानी की जा रही है। सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मी लगाये जाकर कार्यवाही की जा रही है। बालिका अपराध संबंधी सूचना प्राप्त होने पर तुरन्त कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर, रेंज स्तर तथा जिला स्तर पर बालिकाओं की सुरक्षा हेतु समय-समय पर विशेष अभियान चलाये जाते हैं। महिलाओं व बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, पृथक से एंटी रोमियो अभियान का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

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