– राजस्थान कांग्रेस के नए मुख्यालय के शिलान्यास के बाद कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण लागू करने के समय और जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला
-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के नए मुख्यालय के शिलान्यास के बाद कार्यकर्ता सम्मेलन में शनिवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण लागू करने के समय और जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष ने महिला आरक्षण का समर्थन किया। हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण आज से ही लागू हो लेकिन भाजपा दस साल बाद इसे लागू करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी वर्ग को भागीदारी देना चाहते हैं लेकिन जातिगत जनगणना से क्यों डर रहे हैं? वे अडाणी से भी डरते हैं। चुनाव में जब बीजेपी वाले वोट मांगने आएं तो उनसे यह जरूर पूछना कि जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवा रहे हो? राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश का नाम बदलना चाहा। संसद का विशेष सत्र बुला लिया। इंडिया को भारत किया जबकि संविधान में साफ लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत। यानी इंडिया ही भारत है। जब उन्हें लगा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा और भारत की जनता इन सब चीजों का समर्थन नहीं करती तो वे महिला आरक्षण बिल ले आए। राहुल ने कहा कि महिला आरक्षण बिल का पूरे विपक्ष ने समर्थन किया। भाजपा चाहती है कि महिला आरक्षण दस साल में लागू हो जबकि हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण आज से ही लागू हो। मैंने रिसर्च की तो पता चला कि हमारी संस्थाओं में ओबीसी, दलित, आदिवासी वर्ग की क्या भागीदारी है? आज के हिंदुस्तान को 90 लोग चलाते हैं। आज के हिंदुस्तान को प्रधानमंत्री 90 अफसरों के साथ चलाते हैं। वे हर मंत्रालय के सचिव हैं। प्रधानमंत्री ओबीसी की बात करते हैं लेकिन इन 90 अफसरों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं। उनके पास हिंदुस्तान का सिर्फ पांच प्रतिशत बजट है। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में हर वर्ग को सही प्रतिनिधित्व देने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। इस जनगणना से पता चल जाएगा कि हिंदुस्तान में किस वर्ग के कितने लोग हैं। हम ओबीसी को भागीदारी देने की बात करते हैं लेकिन जब तक ओबीसी कितने हैं, यह पता नहीं लगेगा तो कैसे काम होगा? प्रधानमंत्री जातिगत जनगणना से क्यों डरते हैं? हमने ये जनगणना करवाई थी, आंकड़े आपके पास हैं, उन आंकड़ों को हिंदुस्तान की जनता के सामने रख दीजिए और अगली जनगणना में जातिगत जनगणना भी करवाइए। ओबीसी का अपमान मत कीजिए। मोदी न तो अडाणी की बात कर पाते हैं, न ही ओबीसी के बारे में बात करते हैं। राहुल ने कहा कि पिछले दिनों बीजेपी के नेता अंग्रेजी के खिलाफ भाषण दे रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि आपके बच्चे कहां पढ़ते हैं? उनके बच्चे अंग्रेजी मीडियम में पढ़ते हैं। बीजेपी नेता चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी में पढ़ें और गरीब का बच्चा अंग्रेजी न सीखे। ये दो हिंदुस्तान बनाना चाहते हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए राहुल गांधी ने कहा कि जंगल में शेर देखने के लिए कई घंटों की मेहनत करनी पड़ती है लेकिन मेरे सामने हजारों बब्बर शेर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार ने चिंरजीवी योजना जैसी हेल्थ स्कीम दी है। 500 रुपये में सिलेंडर दिया है। यह सभी काम कार्यकर्ता जनता को जाकर बताएं।
-चुनाव में भाजपा हमारे खिलाफ तीन कैंडिडेट खड़ा करती है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव में भाजपा हमारे खिलाफ एक नहीं दो-तीन कैंडिडेट खड़ा करती है। एक तो भाजपा का प्रत्याशी होता है, एक ईडी होती है और एक सीबीआई या अन्य एजेंसी होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष सत्र संसद की नई बिल्डिंग दिखाने के लिए बुलाया था। उन्होंने भाजपा के बड़े कार्यकर्ताओं, फिल्म अभिनेता-अभिनेत्रियों को बुलाया। यह संसद चर्चा करने की जगह है, एग्जीबिशन करने की जगह नहीं है। खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण बिल सबसे पहले कांग्रेस सरकार लाई थी। उस समय इन्हीं लोगों ने इसका विरोध किया था, जो अभी सरकार में हैं। ये लोग बहुत सयाने हैं। अगर कांग्रेस 2024 में सत्ता में आएगी तो वह तत्काल महिला आरक्षण लागू करेगी। इससे पूर्व राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पहले भाषण देकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चौंका दिया। सभा में राहुल से पहले खड़गे को भाषण देने के लिए बुलाया गया था लेकिन राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष के नाते खड़गे का भाषण सबसे बाद में करवाने की गुजारिश की। इसके बाद खड़गे ने खुद आकर कहा कि राहुल गांधी पहले भाषण देना चाहते हैं। राहुल गांधी के बाद खड़गे का भाषण हुआ।
-पहली बार सरकार विरोधी कोई लहर नहीं
कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहली बार सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है। सरकार का काम शानदार है। फासिस्ट ताकतें चाहे कितना ही जोर लगा लें लेकिन कामयाब नहीं होंगे। किसी कीमत पर हमारी सरकार रिपीट हो, नेता और कार्यकर्ता यह संदेश लेकर जाएं। फासिस्ट ताकतें देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नया भवन बनना गर्व की बात है। देश के सामने चुनौतियां है, इसका अहसास हम सबको है। राहुल गांधी की यात्रा का मकसद अहिंसा का संदेश था। दो अक्टूबर को जयपुर में हम मौन जुलूस निकालेंगे।
-कार छोड़ स्कूटी पर सवार हुए राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को एक दिवसीय जयपुर दौरे के दौरान महारानी कॉलेज से मानसरोवर तक का सफर स्कूटी पर तय किया। राहुल गांधी के अचानक कार छोड़कर स्कूटी पर सफर करने के इरादे से सुरक्षा में तैनात जवानों में हड़कंप मच गया। एक दिवसीय जयपुर दौरे के दौरान राहुल गांधी महारानी कॉलेज में आयोजित स्कूटी वितरण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद रवानगी के समय राहुल ने कार में नहीं बैठकर स्कूटी पर ही जाने की इच्छा जता दी। उन्हें सवारी करवाने के लिए एक युवती की स्कूटी तैयार हुई और वे उस पर बैठकर वहां से निकल गए। इससे पहले राहुल का महारानी कॉलेज पहुंचने पर प्रिंसिपल निमाली सिंह की मौजूदगी में स्टाॅफ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद कांग्रेस नेता ने भी स्कूटियां वितरित कर स्टूडेंट्स की हौंसला अफ़ज़ाई की।
-जयपुर में बनी गांधी वाटिका, राहुल ने किया लोकार्पण
सेंट्रल पार्क में महात्मा गांधी की स्मृति में गांधी वाटिका बनाई गई है। इसका शाम 5 बजे सांसद राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकार्पण किया। लगभग 85 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस वाटिका में गांधी जी के जीवन जीने के तरीके, उनके आंदोलन और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा को वॉल पेंटिंग और शब्दों के लिए दर्शाया गया है। वाटिका के लिए सरकार ने गांधी-विचारकों की एक 11 सदस्यीय समिति का गठन किया था। उनकी गहरी शोध और मॉनिटरिंग में ये वाटिका तैयार करवाई गई है। इस वाटिका को तीन हिस्से में बनाया गया है। पहले हिस्से में अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक को दिखाया गया है। इसमें सन् 1857 की बगावत और घबराए अंग्रेजों की कहानी। गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका के अनुभव और उनका आंतरिक परिवर्तन को दर्शाया गया है। दूसरे खंड में गांधी जी के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों और उनके दर्शन को समेटा गया है। साल 1942 में शुरू हुए अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन, भारत को चुनौती देती सांप्रदायिक ताकत का उल्लेख किया गया है। तीसरे खंड में एक बड़ी लाइब्रेरी, सेमीनार हॉल और एक कॉन्फ्रेंस बनाए गए हैं। इसमें बड़ी संख्या में गांधी जी की विचारधारा और उनकी जीवनी से जुड़ी किताबें रखी गई हैं। इसके साथ ही यहां कॉन्फ्रेंस हॉल को इस तरह डिजाइन किया गया है। मानो सच में गांधी वाटिका में बैठे हों। इस भवन को बनाते समय खास तौर पर मिट्टी की दीवारें तैयार की गई हैं। इसके अलावा इस वाटिका दो प्रदर्शनरी हॉल, बीच में एक ग्रीन पार्क, कैफेटेरिया, ओपन थियेटर भी है।

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