जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण फंसा हुआ कोई श्रमिक अपने गृह स्थान के लिए पैदल रवाना नहीं हो। राज्य सरकार उन्हें बसों एवं टे्रनों के माध्यम से अपने-अपने गृह स्थानों पर पहुंचाने के लिए उचित व्यवस्थाएं कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो श्रमिक पैदल रवाना हो गए हैं, उनके लिए रास्ते में कैम्प एवं भोजन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। कोई श्रमिक भूखा-प्यासा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में हर व्यक्ति के जीवन की रक्षा और उनके दुःख-दर्द को बांटना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
श्री गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के आवागमन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए जिन प्रवासियों एवं श्रमिकों ने आवागमन के लिए पंजीयन करवाया है। उन्हें ई-पास प्राप्त करने में किसी तरह की परेशानी नहीं आए। इसके लिए ई-पास के सिस्टम को और बेहतर बनाएं। जिन प्रवासी एवं श्रमिकों को ई-पास प्राप्त हो गए हैं, उन्हें टे्रनों के माध्यम से भेजने के लिए समय पर सूचना दी जाए, ताकि वे टे्रन के शेड्यूल के अनुसार निर्धारित स्टेशन पर पहुंच सकें।
मेडिकल इमरजेंसी एवं मृत्यु के मामलों में आसानी से दें पास
अंतर जिला आवागमन के लिए थाने एवं एसडीएम कार्यालय दे सकेंगे पास
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु या अत्यावश्यक कार्यों को लेकर पास की प्रक्रिया को और सुगम बनाएं तथा ऎसे मामलों में सहानुभूतिपूर्वक जल्द से जल्द पास जारी करें, ताकि लोगों को अनावश्यक पीड़ा नहीं झेलनी पडे़। उन्होंने कहा कि अत्यावश्यक कार्य होने पर अंतर जिला आवागमन के लिए ई-पास के साथ-साथ ऑफलाइन पास की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए संबंधित थाने एवं एसडीएम कार्यालय को अधिकृत किया जाए। साथ ही यह व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए कि लोगों को थाने एवं एसडीएम कार्यालय नहीं जाना पडे़, उन्हें मोबाइल के माध्यम से ही पास प्राप्त हो जाए।
श्रमिकों को संबल देना जरूरी
श्री गहलोत ने कहा कि करीब 50 दिन से चल रहे लॉकडाउन से उपजी परिस्थितियों के कारण श्रमिक रोजगार एवं घर नहीं पहुंच पाने की पीड़ा के कारण तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं। इन श्रमिकों को संबल दिया जाना जरूरी है।
भारतीय रेलवे से समन्वय कर बढ़वाएं टे्रनों की संख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों एवं प्रवासियों को जल्द से जल्द उनके गृह स्थानों पर सुरक्षित पहुंचाया जा सके, इसके लिए भारतीय रेलवे से समन्वय कर टे्रनों की संख्या बढ़वाई जाए। साथ ही जिन स्थानों की दूरी कम है, वहां बसों से लोगों को उनके गृह स्थान भिजवाया जाए। उन्होंने कहा कि तकलीफ झेल रहे श्रमिकों एवं प्रवासियों का सकुशल आवागमन जरूरी है, लेकिन इनकी स्क्रीनिंग एवं क्वारेंटाइन की व्यवस्था में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का होम या संस्थागत क्वारेंटाइन सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अति. मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल, अति. मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।