जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसी भी देश और प्रदेश की तरक्की उसकी युवा शक्ति के कौशल और दक्षता पर निर्भर करती है। हमारे युवाओं ने पूरी दुनिया में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। राज्य सरकार तकनीक एवं नवाचारों के साथ युवाओं को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न विधाओं में दक्ष बनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थानों की स्थापना के साथ ही महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का समय स्वरोजगार से जुड़ने और स्वावलम्बी बनने का है। प्रदेश के युवा अपनी इच्छा और क्षमता के अनुरूप कौशल विकास करते हुए आगे बढ़ें। राज्य सरकार उन्हें प्रोत्साहन देने में कोई कमी नहीं रखेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए नामी कम्पनियों के साथ सम्पर्क स्थापित किया जाए। बाजार की मांग के अनुसार अच्छे कोर्स तैयार कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने देश को मजबूत, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवा शक्ति की प्रतिभा के उपयोग पर जोर दिया था। उनका मानना था कि दुनिया के विकसित राष्ट्रों के बराबर खड़ा होने के लिए हमें विज्ञान और तकनीक का भरपूर उपयोग करने के साथ ही हमारी शिक्षा को व्यावसायोन्मुखी बनाना होगा। यह गर्व का विषय है कि हमारे युवाओं ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। हमें इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी पूरी दक्षता के साथ आगे बढ़ना होगा।
गहलोत ने कहा कि कोविड के चुनौतीपूर्ण दौर ने हमारी अर्थव्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। कई परिवारों को आजीविका की समस्या का सामना करना पड़ा है। साथ ही बेरोजगारी आज देश में सबसे बड़ी चुनौती है। इस समस्या के समाधान के लिए हमारे युवाओं को और अधिक मेहनत तथा कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जुड़ना होगा। राज्य सरकार दूर-दराज गांवों तक शिक्षण-प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। राज्य में करीब 2 हजार आईटीआई का मजबूत ढांचा उपलब्ध है और इस दृष्टि से राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश के युवा इनका लाभ लेकर अपनी प्रतिभा को निखारें।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य में कौशल विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुआ है। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम इस दिशा में बेहतरीन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग भी युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए वोकेशनल कॉर्सेज, कौशल प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यक्रमों के संचालन पर विशेष जोर दे रहा है।
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में सभी वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए हरसम्भव प्रयास सुनिश्चित किया है। ऑनलाइन एवं वर्चुअल जॉब फेयर से बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ मिला।
खेल एवं युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि विगत ढाई वर्ष में युवाओं के कौशल विकास की दिशा में उल्लेखनीय काम हुआ है। प्रदेश में करीब 2 लाख युवाओं को कौशल विकास कर रोजगार से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत 1 लाख 60 हजार पात्र युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। भिक्षावृत्ति रोकने के लिए भिक्षुक उन्मुखीकरण और पुनर्वास कार्यक्रम ‘भोर‘ चलाया गया है, इसके तहत 3 कौशल प्रशिक्षण केंद्रों पर 100 से अधिक भिक्षुक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

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