नई दिल्ली। आर्थिक मोर्च पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार मैसेंजर को गोली न मारे। उन्होंने कहा कि किसी में इतनी ताकत नहीं है कि मुझे हाशिए पर लाए। यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज के दिन ये कहना कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही है। ये तथ्यात्मक रूप से गलत है। आज एक अखबार ने पूरा डिटेल दिया है कि विश्व में कई देशों की अर्थव्यवस्था हमसे तेजी से बढ़ रही है। पूर्व वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि पता नहीं किस आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड कहा जा रहा है। हमारा निर्यात लगभग जीरो के बराबर है। विश्व अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान बहुत कम है, इसलिए उनकी और हमारी सोच में ये अंतर हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कितने लोगों को बोलने दिया गया। ऐसे में मैं वहाँ जाकर अपनी बात कैसे कहता। वहाँ जाकर क्या करता।
वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री रहे सिन्हा ने कहा, ‘अगर बीजेपी में कोई जीएसटी का सबसे बड़ा पक्षधर रहा है तो उसका नाम है यशवंत सिन्हा। मैंने गुजरात के विरोध बाद भी 2009 में जीएसटी का समर्थन किया था। जीएसटी को देश में लाने के लिए दो लोग है यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह। जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया है। अभी उसमें कई ख़ामियाँ है। उनको कौन दूर करेगा सरकार या व्यापारी।’
सिन्हा ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में तय किया था मैं चुनाव नहीं लड़ूँगा। यशवंत सिन्हा को कोई राजनीति करने से रोक सके ये ताक़त किसी में नहीं हैं। जब हमने तय किया हैं कि राजनीति से दूर रहने का तो मैं हताश कैसे हो सकता हूँ। मैं इतना कहना चाहता हूँ की मैंसेजर को मत मारो। अपने बेटे को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए यशवंत ने कहा कि जयंत सिन्हा इतने ही काबिल अर्थशास्त्री हैं तो उन्हें वितमंत्री से क्यूँ हटाया। मैं उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हूँ। मोदी और गरीबी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वितमंत्री देश गरीबी दिखाना चाहते हैं ये सोशल मीडिया का जोक शेयर किया था।