जयपुर। कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार बहुमत का आंकड़ा साबित करने से पहले ही धरायशी हो गई। येदियुरप्पा ने शक्ति परीक्षण से पहले ही हार मानते हुए इस्तीफा दे दिया। बहुमत का जादुई आंकड़ा एक सौ चौदह सीटों की व्यवस्था नहीं देख सीएम बी.एस.येदियुरप्पा ने इस्तीफा दिया और इससे पहले राज्य की जनता के नाम भावुक भाषण भी दिया। मात्र पचपन घंटे में ही येदियुरप्पा सरकार का पांच साल तक शासन देने का वादा टूट गया।
अब कांग्रेस के समर्थन जेडीएस कर्नाटक में बहुमत साबित करेगा। आज सदन में इन दोनों दलों के सदस्य मौजूद भी रहे। ऐसे में संभावना है कि दोनों दल मिलकर बहुमत साबित कर देंगे। उधर, इस्तीफा देने से पहले येदियुरप्पा ने भावुक भाषण देते हुए कहा कि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस और जेडीएस के खिलाफ जनादेश दिया है। जनता का जनादेश हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें एक सौ तेरह सीटें मिली होती तो आज कर्नाटक में भाजपा की सरकार होती। उन्होंने यह भी संकेत देते हुए कहा कि अब चुनाव कब आएंगे, पता नहीं। पांच साल बाद या उससे पहले भी आ सकते हैं। मैं फिर लौट कर आऊंगा। जब तक मैं हूं, तब तक राज्य के हर कोने में जाऊंगा और लोगों से मिलूंगा।
हम सब मिलकर फिर से कोशिश करके जीतेंगे। हम आगामी लोकसभा चुनाव में 28 में से 28 सीटें भी जीतेंगे। इस भाषण के बाद वे बिना फ्लोर टेस्ट के ही सदन से चले गए। अब कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार का दावा करेंगे और बहुमत साबित करेंगे। जेडीएस के एच.डी.कुमार स्वामी कर्नाटक के सीएम होंगे। वे दूसरी बार सीएम बनेंगे। इससे पहले 3 फरवरी 2006 से लेकर 8 अक्टूबर 2007 तक कर्नाटक के सीएम रहे थे।