लखनऊ। उत्तरप्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए जा रहे सख्त फैसलों का असर ही है कि अब लोगों की दिनचर्या के साथ उनके काम धंधें भी बदलने लगे हैं। योगी आदित्यनाथ ने जब से प्रदेश में अवैध बूचडख़ानों पर कार्रवाई की। तभी लोगों को अपने नए रोजगार के मामले में सोचने पर मजबूर होना पड़ा। यही वजह है कि अब तक जो लोग इन बूचड़खानों में गोश्त के कारोबार में लगे हुए थे। वे नए रोजगार सृजन पर ध्यान देने लगे हैं। मुजफ्फर नगर में मीट व्यवसाय में लगे लोग चाय-पानी के साथ परचून की दुकान सहित अन्य कामकाज करने में जुट गए हैं। लोगों का कहना है कि जब से गोश्त की दुकान पर ताले जड़े तो परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया। ऐसे में अब दूसरा काम तो करना ही था, दो जून की रोटी का जुगाड़ जो करना है। इन लोगों में ऐसे लोग भी शुमार है जो अब तक लाइसेंस लेने के बाद मीट की दुकान संचालित करते थे। मीट व्यवसाय में लगे कलीम अहमद ने बताया कि पहले गोश्त की दुकान थी, अब जब से सीएम ने बूचड़खानों पर कार्रवाई की तो परचून का काम करने में जुट गए। बात परिवार का पेट पालने की है तो काम तो करना ही था। शमशुद्दीन अहमद ने बताया कि मीट के कारोबार चल रहा था। योगी सरकार एक्शन में आई तो यह काम अब परेशानी भरा साबित हुआ। ऐसे में अब चाय की दुकान ही चला ली। बैठे-ठाले चाय की दुकान से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं सूझा। अब यह काम शुरू हो गया। यूपी में इस सरकार के बनने के बाद तो कामकाज की किल्लत ही सामने आ गई।

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