लखनऊ। उत्तरप्रदेश में दागी व लापरवाह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आदेश की आलोचना करना और निलंबित पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीट करना यूपी एक युवा आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार को महंगा पड़ गया। यूपी सरकार ने हिमांशु कुमार को इस कृत्य पर निलंबित कर दिया। योगी सरकार का यह पहला मामला है, जिसमें आईपीएस पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। इससे पहले एसआई, एएसआई और कांस्टेबल पर ही कार्रवाई हुई थी। सरकार पर सवालिया निशान लगाने के चलते सरकार ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए यह कदम उठाया है। आईपीएस हिमांशु ने ट्विटर पर अपने ही विभाग के आला अफसरों पर एक जाति विशेष के अफसरों को टारगेट करने का आरोप जड़ा था। हिमांशु कुमार पर उनकी पत्नी ने भी दहेज उत्पीडऩ का मामला दर्ज कर रखा है और वे इस मामले में वांछित भी चल रहे हैं। हिमांशु ने यूपी में योगी सरकार के गठन के बाद लापरवाह व दागी अफसरों पर हुई कार्रवाई के संबंध में ट्वीट किया था कि योगी राज में यादव सरनेम के अफसरों को टारगेट किया जा रहा है। उनके तबादले हो रहे हैं। जब सरकार ने हिमांशु को निलंबित कर दिया तो उन्होंने ट्वीट किया कि विजय सिर्फ सत्य की होती है। हिमांशु पूर्व में भी कई मामलों में विवादों में रहे हैं। उधर, पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी आरोप लगाया है कि सिर्फ एक जाति विशेष के पुलिसवालों को टारगेट करके निलंबित और ट्रांसफर किए जा रहे हैं। यह गलत है।
Akhilesh murkh ke time me mauj bhi to yadav aur muslims ne li hai. Man mutabik jagah transfer man ke mutabik promotion chahe qabil ho ya na ho.